प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 28 फरवरी, 2025 को राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय सूफी संगीत महोत्सव ‘जहान-ए-खुसरो 2025’ का उद्घाटन किया गया।
जहान-ए-खुसरो-2025 के बारे में
- क्या है : यह अमीर खुसरो की स्मृति में सूफी संगीत, कविता और नृत्य को समर्पित एक अंतरराष्ट्रीय महोत्सव है।
- इस वर्ष महोत्सव का 25 वां संस्करण है।
- आयोजन : 28 फरवरी- 2 मार्च 2025
- आयोजक : रूमी फाउंडेशन द्वारा
- प्रारंभ : वर्ष 2001 में प्रसिद्ध फिल्म निर्माता मुजफ्फर अली द्वारा
- कार्यक्रम
- इस अंतरराष्ट्रीय महोत्सव में हस्तनिर्मित वस्तुओं के बाजार को भी बढ़ावा दिया जाएगा।
- इसमें एक जिला-एक उत्पाद से जुड़े शिल्प और देशभर से विभिन्न उत्कृष्ट कलाकृतियों के साथ-साथ हस्तशिल्प और हथकरघा पर लघु फिल्में आदि दिखाई जाएंगी।
अमीर खुसरो के बारे में
- मूल नाम : अबुल हसन यमीन उद-दीन मुहम्मद
- अमीर खुसरो इनका उपनाम है।
- जीवन काल : 1253 ई.- 1325 ई.
- जन्म स्थान : एटा जिला, उत्तर प्रदेश
- पिता का नाम : अमीर सैफ़ुद्दीन महमूद
- माता का नाम : दौलत नाज़ या सय्यदा मुबारक बेगम
- गुरु : हजरत निजामुद्दीन औलिया (1236 -1325 ई.)
- आश्रयदाता : गुलाम वंश के शासक ‘कैकुबाद’ और ‘जलालुद्दीन फिरोजशाह खिलजी’
- साहित्यकाल : आदिकाल
- विधाएँ : पहेलियाँ, दो सूखने, निसबतें, ढकोसले, रुबाइयाँ, दोहे, हिंदवी गीत व गजलें आदि।
- भाषा : खड़ी बोली हिंदी
- प्रमुख रचनाएं : मसनवी लैला मजनू, मसनवी आइना-ए-सिकंदरी, मसनवी अस्प्नामा, इश्किया, मसनवी नुह सिपहर, मसनवी तुग़लक़नामा, रीखे अलाई, ख्यालाते खुसरु, एजाजे खुसरवी, मुकाल, किस्सा चार दरवेश
- प्रमुख हिंदवी रचनाएँ : खालिकबारी, दीवान-ए-हिंदवी, तराना-ए-हिंदवी, हालात-ए-कन्हैया, नजराना-ए-हिंदवी, जवाहर-ए-खुसरवी
- अन्य महत्वपूर्ण बिंदु : अमीर खुसरो को 'तूती-ए-हिंद' (हिन्द का तोता) कहा जाता है। इन्हें कव्वाली का जनक भी माना जाता है।
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