इसका आयोजन नीति आयोग द्वारा जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के साथ मिलकर किया जा रहा है
इसका आयोजन 20 राज्यों के 20 महत्वाकांक्षी जिलों/ब्लॉकों में होगा
इस महोत्सव में जल संसाधनों के संरक्षण और सुरक्षा में सामुदायिक भागीदारी की परिकल्पना की गई है।
इस उत्सव की शुरुआत 'जल बंधन' से होगी - जिसमें प्रतिष्ठित व्यक्ति और स्थानीय नेतागण जल संपदाओं पर पवित्र धागा बांधेंगे।
स्कूली छात्रों को जल प्रबंधन गतिविधियों में नामांकित किया जा रहा है, जिससे वे अपने परिवारों और समुदायों में बदलाव के रूप में कार्य कर सके।
ये अपने-अपने ब्लॉक और जिलों की "जल संपदा पर तथ्य पत्रक" भी लॉन्च करेंगे।
इसके अंतर्गत लोग 'जल उत्सव शपथ' भी लेंगे, जिसमें जल संसाधनों को बनाए रखने और उनकी रक्षा करने का संकल्प लिया जाएगा, ताकि विवेकपूर्ण और सतत उपयोग सुनिश्चित हो सके।
जल प्रबंधन के बारे में अधिक जागरूकता के लिए छात्रों को जल आपूर्ति और उपचार संयंत्रों का प्रदर्शन कराया जाएगा
उद्देश्य
जल प्रबंधन, संरक्षण और सतत विकास के प्रति जागरूकता और संवेदनशीलता पैदा करना
घरों में जल का सदुउपयोग और उपयोगिताओं एवं एजेंसियों के बीच जल प्रबंधन के प्रति जिम्मेदारी की भावना पैदा करना
प्रश्न - जल उत्सव का आयोजन कितने राज्यों में किया जायेगा ?