(मुख्य परीक्षा सामान्य अध्ययन : प्रश्नपत्र-3 : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विकास एवं अनुप्रयोग और रोज़मर्रा के जीवन पर इसका प्रभाव।)
संदर्भ
हाल ही में, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाईडेन द्वारा नासा के अंतरिक्ष जेम्स वेब टेलीस्कोप से ब्रह्मांड की ली गई पहली तस्वीर जारी की है। आकाशगंगा समूह के इस तस्वीर को ‘SMACS 0723’ नाम दिया गया है।
प्रमुख बिंदु
- यह चित्र अंतरिक्ष के एक ऐसे भाग को दिखाता है जिसमें बिग बैंग के 600 मिलियन वर्ष बाद या आज से लगभग 13 अरब वर्ष पहले की आकाशगंगाएं शामिल हैं जो लगभग 4 अरब प्रकाश वर्ष दूर हैं।
- यह पृथ्वी पर दक्षिणी गोलार्ध से दिखाई देने वाले आकाश का एक हिस्सा है जिसका हबल और अन्य दूरबीनों द्वारा सामान्यतः सर्वेक्षण किया जाता है।
- यह नासा का अब तक का सबसे बड़ा अंतरिक्ष में भेजे जाने वाला टेलीस्कोप है। विदित है कि इस टेलीस्कोप के सबसे महत्वाकांक्षी मिशनों में ब्रह्मांड के शुरूआती समय में बने सितारों और आकाशगंगाओं का अध्ययन करना है, जिन्होंने 14 अरब वर्ष पूर्व बिग बैंग के तुरंत बाद ब्रह्मांड को प्रकाशित किया था।
जेम्स वेब टेलीस्कोप की विशेषताएँ
- यह एक विशाल इन्फ्रारेड टेलीस्कोप है, जो ब्रह्मांड के इतिहास के प्रत्येक चरण का अध्ययन करेगा, जिसमें बिग-बैंग व सौर प्रणालियों का निर्माण आदि शामिल है। इस टेलीस्कोप में लगे एक विशाल दर्पण से अंतरिक्ष में देखना संभव होगा।
- टेलीस्कोप का प्राथमिक दर्पण 18 हेक्सागोनल आकार के दर्पण खंडों से बना हुआ है, जो मधुमक्खी के छत्ते के पैटर्न में एक साथ जुड़े हुए हैं। विदित है कि अंतरिक्ष में स्थापित दुनिया की सबसे शक्तिशाली ‘हबल स्पेस टेलीस्कोप’ के दर्पण का व्यास इस टेलीस्कोप के दर्पण से कम है।
निर्वात वाष्प निक्षेप तकनीक
- इस दर्पण पर ‘निर्वात वाष्प निक्षेप’ (Vacuum Vapour Deposition) नामक तकनीक का प्रयोग कर सोने की परत लेपित की गयी है। इस तकनीक में दर्पणों को एक निर्वात कक्ष में रखकर अल्प मात्रा में सोने के वाष्प को दर्पण पर निक्षेपित किया जाता है।
- सोने की परत को खरोंच से बचाने के लिये इसके ऊपर काँच की एक पतली परत भी चढाई गई है। विदित है कि दर्पण के अवरक्त प्रकाश के प्रतिबिंब को बेहतर बनाने में स्वर्ण मददगार होता है।