हाल ही में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू रेलवे डिवीजन का वर्चुअल उद्घाटन किया।
जम्मू रेलवे डिवीजन के बारे में
- जम्मू डिवीजन भारत के 17 रेलवे जोनों (कुछ स्थानों पर 18 का उल्लेख मिलता है) के अंतर्गत 70वां रेलवे डिवीजन है।
- यह भारतीय रेलवे की अपने विशाल नेटवर्क को कुशलतापूर्वक प्रबंधित और संचालित करने की क्षमता को अधिक मजबूत करेगा।
- इस डिवीजन के अंतर्गत शामिल खंड :
- पठानकोट-जम्मू-उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला (सबसे बड़ी)
- भोगपुर-सिरवाल-पठानकोट
- बटाला-पठानकोट
- पठानकोट-जोगिंदर नगर
- ये खंड कुल मिलाकर 742.1 किलोमीटर तक विस्तृत हैं। यह प्रभाग निम्नलिखित परियोजनाओं का प्रबंधन करेगा :
- अंजी खड्ड पुल (देश का पहला केबल-स्टेड रेल पुल)
- चिनाब नदी पुल (कौरी में विश्व का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज)
जम्मू रेलवे डिवीजन का लाभ
- रणनीतिक महत्व : यह संवेदनशील सीमा क्षेत्र में रसद आवाजाही को सरल एवं सुगम बनाता है। इससे चीन एवं पकिस्तान सीमा पर लॉजिस्टिक क्षमता में वृद्धि होगी।
- स्थानीय संपर्क पर प्रभाव : यह जम्मू एवं कश्मीर की भारत के अन्य भागों से संपर्क को बढ़ाएगा, जिससे इस क्षेत्र की बेहतर बुनियादी ढांचे की लंबे समय से लंबित आकांक्षाएँ पूरी होंगी।
- सामाजिक-आर्थिक विकास : यह डिवीजन रोज़गार के अवसर सृजित करेगा और स्टेशनों, ट्रैक व अन्य सुविधाओं जैसे बुनियादी ढांचे के विकास में योगदान देगा। इससे स्थानीय व्यवसायों को भी बढ़ावा मिलेगा।
- पर्यटन को बढ़ावा : बेहतर रेल नेटवर्क से इस क्षेत्र में अधिक पर्यटकों के आने की संभावना है। नया रेलवे डिवीजन वैष्णो देवी, अमरनाथ और अन्य धार्मिक स्थलों की यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों के लिए महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में काम करता है।
रेलवे जोन और रेलवे डिवीजन में अंतर
- रेलवे जोन भारतीय रेलवे में एक बड़ी प्रशासनिक इकाई है। प्रत्येक जोन एक विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्र के प्रबंधन और संचालन के लिए जिम्मेदार है।
- प्रत्येक जोन का नेतृत्व एक महाप्रबंधक करता है और कई डिवीजनों की देखरेख करता है।
- रेलवे डिवीजन एक जोन के भीतर एक छोटी परिचालन इकाई है, जो रेलवे नेटवर्क के एक हिस्से के दैनिक संचालन, जैसे- रखरखाव, ट्रेन संचालन एवं कर्मचारियों के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार है। एक जोन में कई डिवीजन हो सकते हैं।
- प्रत्येक डिवीजन का नेतृत्व एक डिवीजनल रेलवे मैनेजर (DRM) करता है।
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