प्रारंभिक परीक्षा- जमरानी बांध बहुउद्देशीय परियोजना, पीएमकेएसवाई-एआईबीपी, राम गंगा नदी मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर-1 |
चर्चा में क्यों-
- 25 अक्टूबर,2023 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीईए) ने जल संसाधन,नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग के अंतर्गत संचालित ‘प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम’ (पीएमकेएसवाई-एआईबीपी) में उत्तराखंड की जमरानी बांध बहुउद्देशीय परियोजना को शामिल करने की मंजूरी दी।
मुख्य बिंदु-
- पीएमकेएसवाई-एआईबीपी के तहत परियोजना के शेष कार्यों के घटकों के लिए अनुपात 90 (केंद्र): 10 (राज्य) में केंद्रीय सहायता दी जाएगी।
- केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मार्च, 2028 तक ₹2,584.10 करोड़ की अनुमानित लागत वाली परियोजना को पूरा करने के लिए उत्तराखंड को ₹1,557.18 करोड़ की केंद्रीय सहायता को मंजूरी दी है।
- इस परियोजना में उत्तराखंड के नैनीताल जिले में राम गंगा नदी की सहायक गोला नदी पर जमरानी गांव के पास एक बांध के निर्माण की योजना है।
- यह बांध मौजूदा गोला बैराज को अपनी 40.5 किमी लंबी नहर प्रणाली और 1981 में पूरी हुई 244 किमी लंबी नहर प्रणाली के माध्यम से पानी देगा।
- इस परियोजना में उत्तराखंड के नैनीताल और उधम सिंह नगर जिलों एवं उत्तर प्रदेश के रामपुर और बरेली जिलों में 57,065 हेक्टेयर (उत्तराखंड में 9,458 हेक्टेयर और उत्तर प्रदेश में 47,607 हेक्टेयर) की अतिरिक्त सिंचाई की योजना है।
- दो नई फीडर नहरों के निर्माण के अलावा, 207 किमी के मौजूदा नहरों का नवीनीकरण किया जाना है और परियोजना के तहत 278 किमी पक्के फील्ड चैनल भी क्रियान्वित किए जाने हैं।
- 14 मेगावाट बिजली संयंत्र की स्थापित क्षमता के साथ लगभग 63.4 मिलियन यूनिट जल विद्युत उत्पादन होगा।
- हल्द्वानी और आसपास के क्षेत्रों में 42.70 मिलियन क्यूबिक मीटर (एमसीएम) पीने के पानी के प्रावधान की भी परिकल्पना की गई है, जिससे 10.65 लाख से अधिक आबादी लाभान्वित होगी।
- परियोजना के सिंचाई लाभों का एक बड़ा हिस्सा पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश को भी होगा और दोनों राज्यों के बीच लागत/लाभ का साझाकरण वर्ष,2017 में हस्ताक्षरित एक समझौता ज्ञापन के अनुसार किया जाना है।
- हालांकि, पीने का पानी और बिजली का लाभ पूरी तरह से उत्तराखंड के लिए ही हैं।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई)-
- पीएमकेएसवाई वर्ष 2015-16 के दौरान शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य खेत में पानी की पहुंच को बढ़ाना और सुनिश्चित सिंचाई के तहत खेती योग्य क्षेत्र का विस्तार करना,खेत में पानी के उपयोग की दक्षता में सुधार करना,स्थायी जल संरक्षण पद्धतियों को लागू करना आदि है।
- भारत सरकार ने दिसंबर 2021 में 2021-26 के दौरान पीएमकेएसवाई के कार्यान्वयन के लिए 93,068.56 करोड़ रुपये (37,454 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता)के समग्र परिव्यय की मंजूरी दी थी।
- पीएमकेएसवाई का त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम(एआईबीपी) घटक प्रमुख और मध्यम सिंचाई परियोजनाओं के माध्यम से सिंचाई क्षमता के निर्माण से संबंधित है।
- पीएमकेएसवाई एआईबीपी के तहत अब तक 53 परियोजनाएं पूरी की जा चुकी हैं तथा 25.14 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचाई क्षमता सृजित हुई है।
- 2021-22 के बाद पीएमकेएसवाई के एआईबीपी घटक के अंतर्गत अब तक छह परियोजनाओं को शामिल किया गया था ।
- जमरानी बांध बहुउद्देशीय परियोजना एआईबीपी के अंतर्गत शामिल होने वाली सातवीं परियोजना है।
प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न-
प्रश्न- जमरानी बांध बहुउद्देशीय परियोजना के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- इस परियोजना का निर्माण मध्य प्रदेश सरकार द्वारा केंद्र सरकार के सहयोग से किया जा रहा है।
- इस परियोजना का निर्माण का निर्माण नर्मदा नदी पर किया जा रहा है।
नीचे दिए गए कूट की सहायता से सही उत्तर का चयन कीजिए।
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर- (d)
मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न-
प्रश्न- जमरानी बांध बहुउद्देशीय परियोजना के बारे में बताते हुए इसके लाभ बताएं।
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