संदर्भ
प्रतिवर्ष 7 मार्च को ‘जन औषधि दिवस’ मनाया जाता है। इस पहल को समर्थन देने के लिए 1 से 7 मार्च तक पूरे देश में सप्ताह भर के कार्यक्रम आयोजित किए गए।
जन औषधि दिवस के बारे में
- आरंभ : वर्ष 2019 से
- वर्ष 2025 के लिए थीम : दाम कम, दवाई उत्तम
- उद्देश्य : सस्ती एवं गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाओं के महत्व के प्रति जागरूकता एवं इनके उपयोग को बढ़ावा देना
- यह पहल प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (PMBJP) का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना के बारे में
- प्रारंभ : वर्ष 2008 में जन औषधि योजना के नाम से
- इसे रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के फार्मास्यूटिकल्स विभाग द्वारा केंद्रीय फार्मा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के सहयोग से लॉन्च किया गया था।
- पुनर्गठन : वर्ष 2015 में ‘जन औषधि योजना’ को ‘प्रधानमंत्री जन औषधि योजना’ (PMJAY) के रूप में नया नाम
- वर्ष 2016 में इस योजना को अधिक गति देने के लिए इसे प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना नाम दिया गया।
- कार्यान्वयन एजेंसी : भारतीय औषधि एवं चिकित्सा उपकरण ब्यूरो (BPPI) द्वारा
- यह औषधि विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत कार्य करता है।
- उद्देश्य : आम जनता को गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाइयाँ उपलब्ध कराना
- इस योजना के तहत देशभर में निम्न कीमतों पर उच्च गुणवत्ता वाली दवाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र (PMBJK) खोले गए हैं।
प्रमुख लक्ष्य
- जेनेरिक दवाओं के लाभों के बारे में जनता को शिक्षित करना एवं जागरूकता को बढ़ावा देना
- जेनेरिक दवाओं के प्रिस्क्रिप्शन को प्रोत्साहित करना और लागत प्रभावी उपचार विकल्पों को बढ़ावा देना
- जेनेरिक दवाओं की विस्तृत श्रृंखला की उपलब्धता बढ़ा करके वंचित लोगों तक पहुंच में वृद्धि करना
पी.एम.बी.जे.पी. के अंतर्गत प्रमुख पहल
- सुविधा सैनिटरी नैपकिन : इस पहल के तहत भारतीय महिलाओं के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में जन औषधि सुविधा ऑक्सो-बायोडिग्रेडेबल सैनिटरी नैपकिन 27 अगस्त, 2019 को लॉन्च किए गए, जिन्हें केवल 1 रुपए प्रति पैड की दर से उपलब्ध कराया जाता है।
- जन औषधि सुविधा नैपकिन देश भर में 15000 से अधिक पी.एम.बी.जे.पी. केंद्रों पर बिक्री के लिए उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
- जन औषधि सुगम मोबाइल एप्लिकेशन : इस ऐप को अगस्त 2019 में लॉन्च किया गया था। इसकी विशेषता गूगल मानचित्र के माध्यम से नजदीकी जन औषधि केंद्र का पता लगाना, जन औषधि जेनेरिक दवाओं की खोज करना, एम.आर.पी. के संदर्भ में जेनेरिक बनाम ब्रांडेड दवाओं की कीमतों की तुलना करना, समग्र बचत आदि शामिल हैं।
पी.एम.बी.जे.पी. की विशेषताएँ
- इस योजना का संचालन सरकारी एजेंसियों के साथ-साथ निजी उद्यमियों द्वारा भी किया जाता है।
- जन औषधि दवाओं की कीमतें खुले बाजार में उपलब्ध ब्रांडेड दवाओं की कीमतों से 50%-80% कम हैं।
- उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए दवाएँ केवल विश्व स्वास्थ्य संगठन- उचित विनिर्माण प्रक्रिया (WHO-GMP) प्रमाणित निर्माताओं से ही खरीदी जाती हैं।
- सर्वोत्तम गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए दवा के प्रत्येक बैच का परीक्षण ‘राष्ट्रीय परीक्षण एवं अंशांकन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड’ (NABL) द्वारा मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं में किया जाता है।
इसे भी जानिए!
अब तक देशभर में 15,000 से ज्यादा जन औषधि केंद्र खोले जा चुके हैं। इस योजना के तहत सरकार ने 31 मार्च, 2027 तक देश भर में 25,000 जन औषधि केंद्र खोलने का लक्ष्य रखा है।
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