प्रारंभिक परीक्षा- जापान का मून मिशन(Japan Moon Mission) मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर-3 |
चर्चा में क्यों
जापान की अंतरिक्ष एजेंसी जाक्सा (JAXA) ने 7 सितंबर 2023 को मून मिशन ‘मून स्नाइपर’ (Moon Sniper) लॉन्च किया।

प्रमुख बिंदु :
- जापानी स्पेस सेंटर (JAXA) ने अपने H-IIA रॉकेट के जरिए स्मार्ट लेंडर फॉर इन्वेस्टिगेटिंग मून (SLIM) और एक्स-रे इमेजिंग एंड स्पेक्ट्रोस्कोपी मिशन (XRISM) को लांच किया।
- तनेगाशिमा अंतरिक्ष केंद्र से H-IIA (एच2ए) रॉकेट के जरिए यह लॉन्चिंग की गई। यह मिशन चांद की सतह पर फरवरी 2024 में लैंड करेगा।
- इस मिशन को मून स्नाइपर (Moon Sniper) कहा जा रहा है क्योंकि स्मार्ट लैंडर फॉर इन्वेस्टिगेटिंग मून (SLIM) की लैंडिंग उसके तय स्थान के 100 मीटर के दायरे में ही होगी।
- मौसम की खराबी के चलते तीन बार मिशन स्थगित करना पड़ा था।
- भारत के चंद्रयान-3 की सफलता के बाद अन्य देश भी अब चांद पर पहुंचने के लिए इसरो की राह पर है।
मिशन का लक्ष्य
- ब्रह्मांड के निर्माण एवं उत्पत्ति के बारे में जानकारी जुटाना।
- आकाशगंगाओं के बीच स्थित चीजों की गति और संरचना को मापना।
- आकाशीय पिंडों के निर्माण को समझने में मदद।
- चांद पर अत्यधिक सटीक लैंडिंग की क्षमता का प्रदर्शन करना
- आकाशगंगाओं के माध्यम से बहने वाली गर्म गैस प्लाज्मा हवा का उच्च-रिज़ॉल्यूशन एक्स-रे स्पेक्ट्रोस्कोपिक अवलोकन करना।
- आकाशीय पिंडों के द्रव्यमान-ऊर्जा प्रवाह, संरचना और विकास को भी जानने का प्रयास।
मिशन की विशेषता :
- जापान के एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA) का चंद्रमा के सतह पर सटीक लैंडिंग का पहला प्रयास है।
- यह मिशन गर्म प्लाज्मा या ब्रह्मांड के अधिकांश हिस्से को बनाने वाले अत्यधिक गर्म पदार्थ के गुणों के बारे में जानकारी देने के लिए महत्वपूर्ण है।
- प्लाज्मा का उपयोग विभिन्न तरीकों से किया जा सकता है, जिसमें घावों को ठीक करना, कंप्यूटर चिप्स बनाना और पर्यावरण को साफ करना शामिल है।
- मून स्नाइपर में हाई टेक्नोलॉजी के कैमरे लगे हुए हैं, जो चांद को समझने में मदद करेगा।
- स्मार्ट लेंडर फॉर इन्वेस्टिगेटिंग मून ( SLIM) (चंद्रमा की जांच के लिए स्मार्ट लैंडर) एक बहुत छोटा अंतरिक्ष यान है, जिसका वजन लगभग 200 किलोग्राम है।
- इसकी तुलना में चंद्रयान-3 लैंडर मॉड्यूल का वजन लगभग 1,750 किलोग्राम था।
- स्मार्ट लेंडर फॉर इन्वेस्टिगेटिंग मून (SLIM) का मुख्य उद्देश्य चुनी गई साइट के 100 मीटर के भीतर सटीक लैंडिंग का प्रदर्शन करना है।
- चंद्रमा पर सफल लैंडिंग करनेवाला जापान दुनिया का पांचवां देश बन जाएगा।
- सफल होने पर SLIM चंद्रमा पर उतरने वाला सबसे छोटा और हल्का अंतरिक्ष यान होगा।
- जापान का SLIM लैंडर चांद के उस हिस्से में उतरेगा जो नंगी आंखों से दिखाई देता है।
- संभावित लैंडिंग साइट मेयर नेक्टारिस (Mare Nectaris) है, जिसे चांद का समुद्र कहा जाता है।
- लैंडिंग के बाद यह चांद की सतह पर मौजूद ओलिवीन पत्थरों की जांच करेगा ताकि चांद की उत्पत्ति का पता चल सके।
- इसे जापान, नासा और यूरोपियन स्पेस एजेंसी ने मिलकर बनाया है।
- एसएलआईएम (SLIM) के लिए चुनी गई लैंडिंग साइट चंद्रमा के भूमध्यरेखीय क्षेत्र में शिओली नामक एक छोटे क्रेटर के पास है।
- इस मिशन की सफलता जापान को प्रथम श्रेणी के ग्रुप में शामिल करेगी।
प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
- जापान की अंतरिक्ष एजेंसी जाक्सा (JAXA) ने 7 सितंबर 2023 को मून मिशन ‘मून स्नाइपर’ (Moon Sniper) लॉन्च किया।
- इस मिशन को जापानी स्पेस सेंटर, नासा और यूरोपियन स्पेस एजेंसी ने मिलकर बनाया है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं ?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) कथन 1 और 2
(d) न तो 1 ना ही 2
उत्तर: (c)
मुख्य परीक्षा प्रश्न: जापान के मून मिशन के महत्व पर प्रकाश डालिए।
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