भारत में टीबी की दवा पर पेटेंट बढ़ाने का जॉनसन एंड जॉनसन का प्रयास खारिज
प्रारंभिक परीक्षा – एवरग्रीनिंग,पेटेंट मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्ययन प्रश्नप्रत्र 3 - बौद्धिक संपदा अधिकारों से संबंधित विषय
सन्दर्भ
हाल ही में भारतीय पेटेंट कार्यालय द्वारा, भारत में महत्वपूर्ण तपेदिक रोधी दवा बेडाक्विलाइन(Bedaquiline) के निर्माण पर अपने एकाधिकार का विस्तार करने के अमेरिकी फार्मास्युटिकल कम्पनी जॉनसन एंड जॉनसन (J&J) के प्रयास को खारिज कर दिया गया।
महत्वपूर्ण तथ्य
बेडाक्वीलिन एक महत्वपूर्ण दवा है, जिसका उपयोग बहु-दवा प्रतिरोधी टीबी (multi-drug resistant TB) रोगियों के इलाज के लिए किया जाता है, जिनके लिए पहली पंक्ति की दवा(आइसोनियाज़िड, रिफैम्पिसिन, पायराज़िनामाइड और एथमब्यूटोल) प्रभावी नहीं रह जाती हैं।
J&J का बेडाक्विलाइन पर पेटेंट जुलाई में समाप्त हो जायेगा।
पेटेंट समाप्त होने के बाद, Lupin और Macleods जैसी जेनेरिक दवा निर्माता कम्पनियां, बेडाक्विलाइन का निर्माण कर सकती हैं, जिससे इसकी कीमत में कमी आ जाएगी और व्यापक पहुंच सुनिश्चित होगी।
J&J, वर्ष 2007 से ही पेटेंट की अवधि बढ़ाने के लिए एवरग्रीनिंग में लिप्त है।
एवरग्रीनिंग, पेटेंट धारकों द्वारा, उनके पेटेंट के जीवन और लाभप्रदता को बढ़ाने के लिए दवाओं को संशोधित करने (प्रभावकारिता में सुधार किए बिना) का एक अभ्यास है।
J&J ने इस दावे के आधार पर पेटेंट विस्तार की मांग की थी कि इसने अपने salt(सॉल्ट) के रूप में क्विनोलिन के व्युत्पन्न बनाने की विधि का आविष्कार किया है।
हालांकि, पेटेंट अधिनियम की धारा 3(डी) के अनुसार ज्ञात पदार्थों के सॉल्ट फॉर्म और डेरिवेटिव पेटेंट योग्य नहीं हैं।