प्रारंभिक परीक्षा: समसामयिकी, कॉलेजियम मुख्य परीक्षा: सामान्य अध्ययन, पेपर-2 |
संदर्भ:
25 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट (SC) के न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की सेवानिवृत्ति के बाद कॉलेजियम में हुए एक रिक्त पद में न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस को शामिल किया गया है।
प्रमुख बिंदु:
- न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस 10 अप्रैल 2024 तक कलेजियम के सदस्य रहेंगे।
- नए कलेजियम में अब प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बी.आर. गवई, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति बोस शामिल हैं।
भारतीय संविधान में न्यायिक नियुक्ति:
अनुच्छेद 124:
- यह सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति से संबंधित है।
- न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा उच्च न्यायालयों और उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों के ‘परामर्श’ से की जानी चाहिए।
- सीजेआई की नियुक्ति को छोड़कर सभी नियुक्तियों में सीजेआई से परामर्श लिया जाना चाहिए।
अनुच्छेद 217:
- यह उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति से संबंधित है।
- न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा सीजेआई और राज्य के राज्यपाल से परामर्श के बाद की जानी चाहिए।
- संबंधित उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से भी परामर्श किया जाना चाहिए।
|
कॉलेजियम व्यवस्था:
- सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जजों की नियुक्ति और ट्रांसफ़र से जुड़ी व्यवस्था है।
- यह व्यवस्था सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों के माध्यम से विकसित हुई है।
कॉलेजियम व्यवस्था का विकास:
प्रथम न्यायाधीश मामला,1981:
- इस मामले से न्यायिक नियुक्तियों और स्थानांतरण पर मुख्य न्यायाधीश के सुझाव की प्रधानता को उचित कारणों के साथ अस्वीकार किया जा सकता था।
- बाद में, ऐसा माना गया कि इससे न्यायपालिका के ऊपर कार्यपालिका की प्रधानता स्थापित हुई।
द्वितीय न्यायाधीश मामला, 1993:
- कॉलेजियम व्यवस्था की शुरूआत के साथ सर्वोच्च न्यायालय का कहना था कि इसके अंतर्गत ‘परामर्श’ का अर्थ ‘सहमति’ होगा।
- इसमें सर्वोच्च न्यायालय के 2 वरिष्ठ न्यायाधीशों का परामर्श लिया जाएगा।
तृतीय न्यायाधीश मामला, 1998:
- राष्ट्रपति के द्वारा प्रेसिडेंशियल रेफरेंस पेश किया गया।
- इसके बाद SC ने पाँच सदस्यीय निकाय के रूप में कॉलेजियम का विस्तार किया।
- कॉलेजियम में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश और चार वरिष्ठ जज शामिल होंगे।
अन्य बिंदु:
- न्यायिक नियुक्तियों को अधिक पारदर्शी बनाने का हवाला देते हुए केंद्र सरकार ने ‘राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग’ बनाया था।
- इस आयोग की स्थापना भारत के 99 वें संविधान संशोधन अधिनियम 2014 के तहत की गई थी।
- इस आयोग को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी।
- 2015 में, सर्वोच्च न्यायालय ने इसे ‘न्यायिक कामों में हस्तक्षेप’ मानते हुए असंवैधानिक घोषित कर दिया था।
प्रश्न:- निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
- संविधान का अनुच्छेद 217 उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति से संबंधित है।
- कॉलेजियम सिर्फ सुप्रीम कोर्ट के जजों की नियुक्ति से जुड़ी व्यवस्था है।
नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए-
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न 1 और ना ही 2
उत्तर-(a)
|