हाल ही में, तमिलनाडु के अन्नामलाई टाइगर रिजर्व में हाथी के हमले में एक कादर आदिवासी की मौत से स्थानीय समुदाय एवं संरक्षणवादी अत्यधिक चिंतित है क्योंकि कादर समुदाय सदियों से जंगली हाथियों के साथ सह-अस्तित्व में रहने के लिए जाने जाते हैं।
कादर आदिवासी समुदाय
- कादर दक्षिण भारत में एक छोटा स्थानीय आदिवासी समुदाय हैं। ये केरल में कोचीन एवं तमिलनाडु में कोयंबटूर के बीच पहाड़ी क्षेत्रों में निवास करते हैं।
- कादर आदिवासी समुदाय केरल के पांच आदिम जनजातीय समूहों में से एक हैं, जहां वे राज्य की कुल जनजातीय आबादी का लगभग 5% हैं।
- केरल में कादर जनजाति को विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (PVTG) के रूप में सूचीबद्ध किया गया है, लेकिन तमिलनाडु में नहीं।
- इनके द्वारा द्रविड़ परिवार की तमिल एवं कन्नड़ भाषाएँ बोली जाती हैं।
कादर समुदाय का आर्थिक स्वरुप
- ये पारंपरिक वन निवासी हैं जो जीविका के लिए वन उपज पर निर्भर हैं। ये स्थायी कृषि नहीं करते हैं।
- इनके आश्रय स्थल पत्तों से बने होते हैं।
- ये रोजगार की जरूरतों के आधार पर स्थान बदलते रहते हैं।
- कादर एकत्रित भोजन पर निर्वाह करने के बजाय व्यापार या मजदूरी के माध्यम से प्राप्त अन्न (मुख्यतः चावल) पसंद करते हैं।
- ये व्यापार के लिए शहद, मोम, साबूदाना, इलायची एवं अदरक जैसी वस्तुएं इकट्ठा करते हैं और मैदानी व्यापारियों के साथ इनका व्यापार करते हैं।
कादर समुदाय का प्रकृति के साथ संबंध
- कादर समुदाय का प्रकृति के साथ सहजीवी संबंध है। ये कादर एवं कादु (जंगल) के सह-अस्तित्व में विश्वास करते हैं।
- ये वन संसाधनों के स्थायी उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए पारंपरिक सतत प्रथाओं का पालन करते हैं, जिससे शहद, जलाऊ लकड़ी, राल एवं जड़ी-बूटियों जैसे संसाधनों के पुनर्जनन के लिए समय मिलता है।