प्रारंभिक परीक्षा – काकरापार परमाणु ऊर्जा परियोजना मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-3 |
चर्चा में क्यों
भारत का दूसरा स्वदेशी 700 मेगावाट का परमाणु संयंत्र काकरापार में 17 दिसंबर, 2023 को संचालित किया गया।
प्रमुख बिंदु
- काकरापार परमाणु ऊर्जा परियोजना (KAPP) यूनिट-4 देश में स्थापित किए जा रहे 700 मेगावाट के 16 स्वदेशी दबावयुक्त भारी जल रिएक्टरों (PHWR) की श्रृंखला में दूसरा है।
- भारत का दूसरा स्वदेशी 700 मेगावाट का परमाणु संयंत्र काकरापार में नियंत्रित विखंडन प्रतिक्रिया (कंट्रोल्ड फिजन रिएक्शन) पर आधारित है।
- इसके साथ ही वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए बिजली उत्पादन की दिशा में एक और कदम बढ़ा दिया गया है।
काकरापार परमाणु ऊर्जा परियोजना (KAPP) यूनिट-4 की उपलब्धि
- काकरापार परमाणु ऊर्जा परियोजना (केएपीपी) यूनिट-4 देश में स्थापित किए जा रहे 700 मेगावाट के 16 स्वदेशी दबावयुक्त भारी जल रिएक्टरों (पीएचडब्ल्यूआर) की श्रृंखला में दूसरा है।
- इसके यूनिट-3 के वाणिज्यिक संचालन के छः महीने के भीतर केएपीपी-4 की उपलब्धि महत्वपूर्ण है।
- न्यूक्लियर पावर कारपोरेशन आफ इंडिया लिमिटेड (NPCIL) ने कहा कि परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड की सभी शर्तों को पूरा करने के बाद ही इसकी शुरुआत की गई है।
- केएपीपी-3 और 4 गुजरात के काकरापार में स्थित हैं, जो मौजूदा संयंत्र केएपीएस-1 और 2 के निकट स्थित हैं।
- न्यूक्लियर पावर कारपोरेशन आफ इंडिया लिमिटेड (NPCIL) के अनुसार इस स्वदेशी पीएचडब्ल्यूआर में उन्नत सुरक्षा विशेषताएं हैं।
- ये दुनिया के सबसे सुरक्षित रिएक्टरों में से एक हैं।
- इन रिएक्टरों का डिजाइन, निर्माण और संचालन न्यूक्लियर पावर कारपोरेशन आफ इंडिया लिमिटेड (NPCIL) द्वारा किया गया है।
- उपकरणों की आपूर्ति भारतीय कंपनियों द्वारा की गई है।
- वर्तमान में न्यूक्लियर पावर कारपोरेशन आफ इंडिया लिमिटेड (NPCIL) 7,480 मेगावाट की कुल क्षमता वाले 23 संयंत्रों का संचालन करता है और 7,500 मेगावाट की क्षमता वाली नौ इकाइयां निर्माणाधीन हैं।
- इसके अलावा 7,000 मेगावाट की कुल क्षमता वाले 10 और रिएक्टर पूर्व-परियोजना गतिविधियों में शामिल हैं।
- एनपीसीआईएल ने देश में सोलह 700 मेगावाट पीएचडब्ल्यूआर बनाने की योजना है।
- राजस्थान के रावतभाटा (आरएपीएस 7 और 8) और हरियाणा के गोरखपुर (जीएचएवीपी 1 और 2) में 700 मेगावाट के परमाणु ऊर्जा संयंत्रों का निर्माण कार्य चल रहा है।
काकरापार परमाणु ऊर्जा स्टेशन
- काकरापार परमाणु ऊर्जा स्टेशन भारत का एक परमाणु ऊर्जा स्टेशन है, जो गुजरात के सूरत में मांडवी और तापी नदी के निकट स्थित है।
प्रथम चरण
- प्रथम चरण में मॉडरेटर (PHWR) के रूप में भारी पानी के साथ दो 220 मेगावाट के दबावयुक्त जल रिएक्टर शामिल हैं।
- KAPS-1 को 3 सितंबर 1992 को संचालित किया गया और कुछ महीने बाद 6 मई 1993 को वाणिज्यिक बिजली उत्पादन शुरू हुआ।
- KAPS-2 को 8 जनवरी 1995 को संचालित किया गया और 1 सितंबर 1995 को वाणिज्यिक उत्पादन शुरू हुआ।
- जनवरी 2003 में CANDU ओनर्स ग्रुप (COG) ) केएपीएस को सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला दबावयुक्त भारी जल रिएक्टर घोषित किया गया।
द्वितीय चरण
- 2007 में दो भारतीय-डिज़ाइन किए गए PHWR-700 रिएक्टरों के निर्माण की रूपरेखा योजना को मंजूरी दी गई।
- 2009 में अनुमोदन की पुष्टि की गई थी और साइट की तैयारी अगस्त 2010 तक पूरी हो गई थी।
- यूनिट 3 को 22 जुलाई 2020 को संचालित किया गया एवं 10 जनवरी 2021 को ग्रिड से जोड़ा गया।
- इस इकाई ने 30 जून 2023 को वाणिज्यिक परिचालन शुरू कर दिया।
- यूनिट 3 ने 31 अगस्त 2023 को पूर्ण लोड पर परिचालन हासिल किया।
- यूनिट 4 को अब 17 दिसंबर 2023 को प्रारंभ किया गया है।
प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए ।
- भारत का दूसरा स्वदेशी 700 मेगावाट का परमाणु संयंत्र काकरापार में 17 दिसंबर, 2023 को संचालित किया गया।
- इस रिएक्टरों का डिजाइन, निर्माण और संचालन न्यूक्लियर पावर कारपोरेशन आफ इंडिया लिमिटेड (NPCIL) द्वारा किया गया है।
- काकरापार परमाणु ऊर्जा स्टेशन भारत का एक परमाणु ऊर्जा स्टेशन गुजरात में मांडवी और तापी नदी के निकट स्थित है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं ?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीनों
(d) कोई भी नहीं
उत्तर: (c)
मुख्य परीक्षा प्रश्न: – काकरापार परमाणु ऊर्जा परियोजना क्या है? काकरापार परमाणु ऊर्जा परियोजना के प्रमुख विशेषताओं की विवेचना कीजिए।
|
स्रोत: the hindu