तमिलनाडु सरकार ने राज्य के पारंपरिक कारीगरों के समग्र विकास के लिए कलाईग्नर कैविनाई थिट्टम (Kalaignar Kaivinai Thittam) नामक एक महत्वाकांक्षी योजना शुरू की है। यह योजना केंद्र सरकार की ‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ के विकल्प के रूप में प्रस्तुत की गई है जिसमें जाति आधारित भेदभाव से मुक्त होकर सभी कारीगरों को समान अवसर प्रदान किए जाते हैं।
योजना के बारे में
- लाभार्थी : 25 चिन्हित शिल्पों में कार्यरत तमिलनाडु के पारंपरिक कारीगर
- सहायता : वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण एवं विपणन में सहयोग
- लॉन्च तिथि : 19 अप्रैल, 2025 को कांचीपुरम में मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन द्वारा
योजना के प्रमुख उद्देश्य
- पारंपरिक कारीगरों का संरक्षण : राज्य के 25 पारंपरिक शिल्पों को पुनर्जीवित करना और उन्हें आधुनिक बाजार के अनुरूप बनाना
- आर्थिक सशक्तीकरण : कारीगरों को वित्तीय सहायता प्रदान करना, जिससे वे अपने व्यवसाय को स्थिरता एवं विस्तार दे सकें।
- कौशल विकास : प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से कारीगरों के कौशल में सुधार करना, ताकि वे प्रतिस्पर्धी बाजार में टिक सकें।
- जाति समावेशिता : इस योजना में सभी जातियों के कारीगरों को शामिल किया गया है जिससे सामाजिक समरसता को बढ़ावा मिलता है।