प्रारंभिक परीक्षा: कालाराम मंदिर मुख्य परीक्षा: सामान्य अध्ययन, पेपर-1 |
चर्चा में क्यों:
12 जनवरी,2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए पंचवटी, नासिक के कालाराम मंदिर से 11 दिवसीय विशेष अनुष्ठान शुरू किया।
प्रमुख बिंदु:
- कालाराम मंदिर में भगवान राम, मां सीता और लक्ष्मण जी की काले रंग की शिला से बनी प्रतिमा है, जिस कारण इस मंदिर का नाम कालाराम पड़ गया।
- पंचवटी नाम इस क्षेत्र में पांच बरगद के पेड़ों के अस्तित्व के कारण पड़ा है।
- भगवान राम के जीवन की कई महत्वपूर्ण घटनाएं यहां घटित हुईं थी।
- इसका विशेष महत्व इस जगह भगवान राम के वनवास के समय में रुकने से है।
- इसी मंदिर से हिंदू मंदिरों में दलितों के प्रवेश की मांग के लिए आंदोलन हुआ था।
11 दिवसीय विशेष अनुष्ठान:
- प्रधानमंत्री ने प्राण प्रतिष्ठा के लिए 11 दिवसीय यम नियम का पालन शुरू कर दिया है।
- यम नियम में इसका पालन करने वालों के लिए योग, ध्यान और विभिन्न पहलुओं में अनुशासन सहित कई कठोर उपायों का वर्णन है।
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कालाराम मंदिर निर्माण:
- इस मंदिर का जीर्णोधार वर्ष 1782 में कराया गया था, जिसके निर्माण में 12 वर्ष लगे थे।
- इसका निर्माण सरदार रंगाराव ओधेकर के प्रयासों से किया गया था।
- यह मंदिर नागर शैली में निर्मित है।
- ऐसा कहा जाता है कि सरदार ओधेकर को गोदावरी में भगवान राम की एक काले रंग की मूर्ति का सपना आया था और उन्होंने मूर्ति को नदी से बरामद किया तथा मंदिर में स्थापित किया।
- संस्थान के अनुसार, जिस स्थान पर मूर्तियाँ मिलीं उसका नाम रामकुंड है।
- इसके गर्भगृह में भगवान राम, सीता और लक्ष्मण की मूर्तियाँ हैं और मुख्य द्वार पर हनुमान जी की एक काली मूर्ति है।
- मुख्य मंदिर में 14 सीढ़ियाँ हैं, जो राम के 14 वर्ष के वनवास को दर्शाती हैं।
- इसमें 84 स्तंभ हैं, जो 84 लाख प्रजातियों के चक्र का प्रतिनिधित्व करते है, जिन्हें मनुष्य के रूप में जन्म लेने के लिए पूरा करना होता है।
कालाराम मंदिर का धार्मिक महत्व:
- भगवान राम ने सीता और लक्ष्मण के साथ अपने 14 वर्ष के वनवास के पहले लगभग ढाई वर्ष मध्य भारत के घने जंगल दंडकारण्य में बिताए, जिसका एक हिस्सा पंचवटी था।
- पंचवटी गोदावरी नदी के तट पर बसा हुआ है।
- रामायण के अनुसार यह वही जगह है, जहां से रावण ने मां सीता का हरण किया था।
- वर्तमान समय में यह जगह महाराष्ट्र राज्य के नासिक में पंचवटी नाम से जानी जाती है।
- इसी क्षेत्र में लक्ष्मण जी ने रावण की बहन शूर्पणखा की नाक यहां काटी थी, जिससे इस जगह का नाम नासिक पड़ गया जिसका अर्थ होता है- ‘जिसकी नाक न हो’।
कालाराम मंदिर महत्वपूर्ण दलित सत्याग्रह का स्थल:
- इसी मंदिर से 1930 में बी.आर. अंबेडकर और मराठी शिक्षक पांडुरंग सदाशिव साने ने हिंदू मंदिरों में दलितों के प्रवेश की मांग के लिए एक आंदोलन का नेतृत्व किया।
- 2 मार्च 1930 को मंदिर के बाहर एक बड़ा विरोध प्रदर्शन आयोजित किया।
- धनंजय कीर की पुस्तक ‘डॉ. अम्बेडकर: लाइफ एंड मिशन’ में सत्याग्रह के एक वृत्तांत के अनुसार, कालाराम मंदिर में सत्याग्रह 1935 तक जारी रहा।
प्रश्न:- कालाराम मंदिर के संबंध में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
- यह मंदिर नासिक के पंचवटी में स्थित है।
- इसका निर्माण सरदार रंगाराव ओधेकर के प्रयासों से किया गया था।
- यहीं से बीआर अंबेडकर ने हिंदू मंदिरों में दलितों के प्रवेश के लिए आंदोलन किया था।
उपर्युक्त में से कितना/कितने कथन सही है/हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीनों
(d) कोई नहीं
उत्तर- (c)
मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न: कालाराम मंदिर के धार्मिक और सामाजिक महत्त्व की चर्चा कीजिए।
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