(प्रारंभिक परीक्षा : भारत का भूगोल)
चर्चा में क्यों
हाल ही में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अरुणाचल प्रदेश में 600 मेगावाट की कामेंग जलविद्युत परियोजना राष्ट्र को समर्पित की।
प्रमुख बिंदु
- यह परियोजना पश्चिमी कामेंग ज़िले में 80 वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में विस्तृत है, जिसे लगभग 8,200 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया गया है।
- इसमें 3,353 मिलियन यूनिट विद्युत पैदा करने के लिये 150 मेगावाट की 4 इकाइयों वाले दो बाँध और एक बिजलीघर है।
- यह एक रन-ऑफ-द-रिवर परियोजना है जो बिचोम और टेंगा नदियों (कामेंग की सहायक नदियाँ) पर स्थित है।
- यह परियोजना ‘पेरिस समझौता 2015’ के तहत भारत के राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDC) को पूरा करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
निर्माण कार्य
- नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड अर्थात् नीपको लिमिटेड (NEEPCO Ltd.) द्वारा विकसित की गई यह पूर्वोत्तर क्षेत्र की सबसे बड़ी परियोजना है।
- नीपको लिमिटेड, भारत सरकार का मिनीरत्न विद्युत उत्पादन उद्यम है तथा महारत्न कंपनी ‘नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन’ (NTPC) लिमिटेड के पूर्ण स्वामित्व वाली एक सहायक कंपनी है।
कामेंग नदी
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- यह ब्रह्मपुत्र की एक प्रमुख सहायक नदी है तथा इसे असम में जिया भोरेली (Jia Bhorelli) के नाम से जाना जाता है।
- इसका उद्गम अरुणाचल प्रदेश में न्येगी कांगसांग (Nyegi Kangsang) के निकट अवस्थित एक हिमाच्छादित झील से होता है।
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