प्रारंभिक परीक्षा – कर्नाटक स्कूल बैग का बोझ 50% कम करेगा मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-2 |
संदर्भ
कर्नाटक सरकार ने शैक्षणिक वर्ष 2024-25 से कक्षा I से X तक के छात्रों के लिए पाठ्यपुस्तकों में 50% की कटौती करके स्कूल बैग के बोझ को कम करने के लिए कदम उठाया है।
प्रमुख बिंदु
कर्नाटक के प्राथमिक शिक्षा मंत्री के अनुसार स्कूल बैग को हल्का करने की पहल, कर्नाटक ने पाठ्यपुस्तकों को 2 भागों में विभाजित करने की योजना है।
- कर्नाटक के प्राथमिक शिक्षा मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि नई योजना में माता-पिता के लिए केवल मामूली खर्च होंगे।
- पाठ्यपुस्तकों में इस विभाजन से पुस्तक का आकार 50 प्रतिशत तक कम हो जाएगा और यह निर्णय बच्चों की सुरक्षा के हित में किया गया है।
- स्कूल बैग के वजन को कम करने के उद्देश्य से कर्नाटक सरकार ने कक्षा 1 से 10 तक के छात्रों के लिए पाठ्यपुस्तकों को दो भागों में विभाजित करने का प्रस्ताव है।
- स्कूल बैग के वजन को 50 प्रतिशत तक कम करने का कदम अगले शैक्षणिक वर्ष से लागू होने की संभावना है।
- अब सरकार की योजना पूरे वर्ष के लिए सभी पाठ्यपुस्तकें एक साथ उपलब्ध कराने के बजाय छात्रों को विभाजित पाठ्यपुस्तकें प्राप्त होंगी, जिनमें से प्रत्येक पाठ्यक्रम के एक विशिष्ट खंड के अनुरूप होगी।
- कर्नाटक के प्राथमिक शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा ने इस पहल के पीछे के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अध्याय 1 का अध्ययन करने के लिए छात्रों को वर्तमान में पूरे वर्ष के लिए किताबें ले जाने की आवश्यकता होती है,जो बच्चों के लिए अनावश्यक है।
- इसलिए पाठ्यक्रम को दो भाग में विभाजित किया गया है।
- इसके अलावा सरकार नोटबुक के लिए वैकल्पिक समाधान तलाश रही है, इसके बजाय छात्रों को ढीली नोट शीट ले जाने के विकल्प पर विचार कर रही है।
- पूरे वर्ष के लिए एक बार पाठ्यपुस्तकें प्रदान करने के बजाय इसमें प्रति वर्ष दो पुस्तकें देने का निर्णय लिया है, जिन्हें दो भागों (योगात्मक मूल्यांकन) एसए-1 और एसए-2 में विभाजित किया गया है।
- हालाँकि यह आदेश केवल सरकारी स्कूलों में ही लागू किया गया था। निजी स्कूलों द्वारा इस नियम का पालन नहीं करने की शिकायतें आती रहती थी।
- इस मुद्दे पर 6 अक्टूबर, 2023 को स्कूल शिक्षा विभाग के आयुक्त के नेतृत्व में एक बैठक में चर्चा की गई एवं कर्नाटक स्कूल परीक्षा और मूल्यांकन बोर्ड के निदेशक की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था।
- समिति ने पाठ्यपुस्तक के आकार में 50% की कटौती करने की सिफारिश की और 12 अक्टूबर, 2023 को अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी।
- स्कूल स्तर पर प्रत्येक बच्चे के स्कूल बैग के वजन की जाँच की गई जिसमें मानकों का उल्लंघन पाया गया था।
- सरकार ने निर्देश जारी किया कि प्रत्येक स्कूल को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि केवल विषय की पाठ्य-पुस्तकें और नोटबुक ही बच्चे ले जाएं।
- अन्य सभी मामलों की एक रफ नोटबुक रखने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए।
स्कूल बैग के भार का निर्धारण
- 2019 में शिक्षा विशेषज्ञों, बाल रोग विशेषज्ञों, डॉक्टरों, कानूनी सलाहकारों और राज्य के अधिकारियों की एक समिति ने स्कूल बैग के वजन को कम करने के लिए एक अध्ययन किया।
- राज्य शिक्षा अनुसंधान और प्रशिक्षण विभाग (DSERT) के सलाहकार, कानूनी सलाहकार और अधिकारियों ने स्कूल बैग का बोझ कम करने के लिए एक अध्ययन आयोजित किया।
- इस अध्ययन में निष्कर्ष निकाला कि पहली से दूसरी कक्षा के छात्रों के लिए स्कूल बैग का वजन 1.5 से 2 किलोग्राम के बीच हो सकता है।
- कक्षा 3 से 5 के लिए प्रस्तावित सीमा 2 से 3 किलोग्राम, कक्षा 6 से 8 के लिए प्रस्तावित सीमा 3 से 4 किलोग्राम थी और कक्षा 9 और 10 के लिए सिफारिश 4 से 5 किलोग्राम थी।
प्रश्न: हाल ही में किस राज्य ने स्कूल बैग का बोझ 50% कम करने की घोषणा की है ?
(a) असम
(b) कर्नाटक
(c) मध्य प्रदेश
(d) महाराष्ट्र
उत्तर: (b)
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स्रोत:the hindu