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काशी-तमिल संगमम-2 

प्रारम्भिक परीक्षा – काशी-तमिल संगमम-2
मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-1

चर्चा में क्यों 

  • काशी और तमिलनाडु के प्रमुख शहरों के बीच प्राचीन काल से चले आ रहे कला-सांस्कृतिक जुड़ाव को जीवंत रखने के लिए केंद्र सरकार ने काशी-तमिल संगमम के नए चरण की घोषणा की है।

Kashi-Tamil-Sangamam-2

प्रमुख बिंदु 

  • इस संगमम का आयेजन काशी (वाराणसी) के नमो घाट पर 17 दिसंबर से 30 दिसंबर 2023 के मध्य किया जायेगा। 
  • काशी-तमिल संगमम एक सांस्कृतिक उत्सव है जिसका उद्देश्य उत्तर भारत और दक्षिण भारत की विविध पारंपरिक और सांस्कृतिक प्रथाओं को एक साथ लाना है। 
  • इस तरह का यह दूसरा संगमम है। पहले संगमम का आयोजन केंद्र सरकार के द्वारा पिछले वर्ष 2022 में एक महीने के लिए किया गया था। इसमें तमिलनाडु के अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़े करीब तीन हजार लोग शामिल हुए थे।

विशेषता 

  • इस संगमम में तमिलनाडु के साथ पुडुचेरी के भी कला, संगीत और शिक्षा से जुड़े विद्वान शामिल होंगे। 
  • इस आयोजन को सफल बनाने के लिए तमिलनाडु के प्रत्येक जिलों में बैठकें भी प्रस्तावित की गई हैं।
  • इस संगमम का आयोजन केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के द्वारा एक भारत-श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम के तहत किया जा रहा है। 
  • इस संगमम के आयोजन की जिम्मेदारी आईआईटी मद्रास और बीएचयू को सौंपा गया है। 
  • आईआईटी मद्रास ने इस संगमम में हिस्सा लेने वालों के रजिस्ट्रेशन के लिए एक आनलाइन पंजीकरण पोर्टल लॉन्च किया है। 
  • शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, इस संगमम में तमिलनाडु के लगभग 1400 लोग हिस्सा लेंगे। जिन्हें करीब सात अलग- अलग समूहों में इस आयोजन के दौरान लाया जाएगा। 
  • प्रत्येक समूह में करीब दो सौ लोगों को लाने की योजना है। 
  • इस दौरान इन सभी लोगों को वाराणसी के साथ प्रयागराज एवं अयोध्या की भी यात्रा कराई जाएगी।

इस संगमम में शामिल होने वाले प्रमुख व्यक्ति:-

  • इन समूहों में छात्र, शिक्षक, लेखक, किसान, कारीगर, व्यापारी, धार्मिक और कारोबारी व्यक्ति आदि शामिल होंगे। 
  • इस संगमम में शिक्षा मंत्रालय नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करेगी।
  • शिक्षा मंत्रालय के अतिरिक्त इस संगमम में संस्कृति मंत्रालय, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, रेलवे, पर्यटन, कपड़ा, खाद्य प्रसंस्करण, एमएसएमई, सूचना एवं प्रसारण और उत्तर प्रदेश सरकार आदि का भी अपनी भूमिका का निर्वाह करेंगे।

नदियों के नाम पर होगा तमिलनाडु से आने वाले प्रत्येक समूह का नाम:- 

  • वाराणसी में आयोजित होने वाले काशी-तमिल संगमम में हिस्सा लेने वाले तमिलनाडु के सभी सातों समूहों के नाम नदियों गंगा, यमुना, सरस्वती, सिंधु, नर्मदा, गोदावरी और कावेरी के नाम पर रखे गए है।

काशी-तमिल संगमम का महत्व:- 

  • यह संगमम दोनों ही प्राचीन संस्कृतियों के बीच जुड़ाव को मजबूती देने वाला है। यही वजह है कि इसकी शुरुआत भी पवित्र तमिल माह मार्गली के पहले दिन से किया जा रहा है। 

संगमम के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए आईआईटी मद्रास चलाएगा अभियान:-

  • इस बीच संगमम के प्रति तमिलनाडु के लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए इस बार शिक्षा मंत्रालय ने जागरूकता अभियान भी चलाने का निर्णय लिया है। 
  • इसकी जिम्मेदारी आईआईटी मद्रास को सौंपा गया है, जो स्थानीय स्तर पर निजी संस्थाओं के साथ मिलकर प्रत्येक जिले में इस संगमम के प्रति जागरूकता अभियान चलाएगा।
  • यह अभियान 1 दिसंबर से 31 दिसंबर तक चलेगा।

एक भारत-श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम

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  • इस कार्यक्रम का प्रारम्भ केंद्र सरकार के द्वारा 31 अक्टूबर, 2015 को सरदार वल्लभभाई पटेल की 140 वीं जयंती के अवसर पर किया गया था। 
  • उद्देश्य : भारत के विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में रहने वाले विविध संस्कृतियों के लोगों के बीच सक्रिय रूप से बातचीत को बढ़ाना है, जिसके द्वारा उनके बीच अधिक आपसी समझ को बढ़ावा देना है। 
  • महत्व: इस सांस्कृतिक आदान-प्रदान के माध्यम से विभिन्न राज्यों की भाषा, संस्कृति, परंपराओं और प्रथाओं के ज्ञान के माध्यम से एक-दूसरे के बीच समझ और जुड़ाव बढ़ेगा, जिससे भारत की एकता और अखंडता मजबूत होगी।

विशेषता 

  • कार्यक्रम के तहत सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को कवर किया जाएगा। राष्ट्रीय स्तर पर राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की जोड़ी बनेगी और ये जोड़ी एक साल तक या जोड़ी के अगले दौर तक प्रभावी रहेगी। 
  • यह गतिविधि विभिन्न राज्यों और जिलों को वार्षिक कार्यक्रमों में जोड़ने के लिए बहुत उपयोगी होगी जो संस्कृति , पर्यटन, भाषा, शिक्षा, व्यापार आदि क्षेत्रों में आदान-प्रदान के माध्यम से लोगों को जोड़ेगी और नागरिक बहुत बड़ी संख्या में सांस्कृतिक विविधता का अनुभव कर सकेंगे कि भारत एक है। 

प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न:- काशी-तमिल संगमम के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: 

  1. इस संगमम का आयोजन केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के द्वारा एक भारत-श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम के तहत किया जा रहा है। 
  2. इस संगमम का आयेजन काशी (वाराणसी) के नमो घाट पर 17 दिसंबर से 30 दिसंबर 2023 के मध्य किया जायेगा। 
  3. इस संगमम में शामिल होने वाले तमिलनाडु के सात समूहों के नाम नदियों गंगा, यमुना, सरस्वती, सिंधु, नर्मदा, गोदावरी और कावेरी के नाम पर रखे गए है। 

उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?

(a) केवल एक

(b) केवल दो

(c) सभी तीन

(d) कोई भी नहीं

उत्तर - (c)

मुख्य परीक्षा प्रश्न:- एक भारत-श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम क्या है? इसके महत्व की विवेचना कीजिए।

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