कोयंबटूर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (CMCH) में कावासाकी बीमारी से पीड़ित दो बच्चियों का सफलतापूर्वक उपचार किया गया।

कावासाकी रोग के बारे में
- क्या है : तेज बुखार एवं हृदय रक्त वाहिकाओं व मांसपेशियों में सूजन का कारण बनने वाली एक दुर्लभ हृदय स्थिति।
- अन्य नाम : म्यूकोक्यूटेनियस लिम्फ नोड सिंड्रोम
- इसमें लिम्फ नोड्स व मुंह, नाक, आंख व गले के अंदर श्लेष्म झिल्ली में सूजन हो सकती है।
- कारण:
- रोग का कारण अस्पष्ट
- किंतु कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह रोग बैक्टीरिया या वायरल संक्रमण के बाद होता है या यह पर्यावरण के कारकों से जुड़ा है।
- कुछ जीनों के कारण बच्चों में यह रोग होने की संभावना अधिक हो सकती है।
- जोखिम :
- प्रभावित वर्ग : 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों पर सर्वाधिक प्रभाव
- एशियाई या प्रशांत द्वीपवासी मूल के बच्चों में इस रोग की दर अधिक
- लिंग : पुरुष शिशुओं में इसकी संभावना अधिक
- लक्षण : तेज़ बुखार, हाथ-पैरों में सूजन, त्वचा का छिलना (Skin Peeling या Desquamation) तथा आँखें व जिह्वा पर लालिमा आदि।
- उपचार : अधिकांश मामलों में प्रारंभिक उपचार संभव से
- हालाँकि, उपचार लंबे समय तक प्रभावी नहीं रहता है।
इसे भी जानिए!
- कावासाकी रोग की जानकारी पहली बार वर्ष 1967 में जापान के टोमिसाकु कावासाकी ने दी थी।
- जापान के बाहर इस रोग का पहला मामला वर्ष 1976 में हवाई द्वीप में दर्ज किया गया था।
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