चर्चा में क्यों
हाल ही में, प्रधानमंत्री ने कावी कला के संरक्षण में महत्त्वपूर्ण योगदान देने के लिये गोवा के सागर मुले के प्रयासों की सराहना की।
प्रमुख बिंदु
- कावी चमकदार लाल और सफेद रंगों से निर्मित भित्ति-कला का एक रूप है। यह मुख्यतः कोंकण क्षेत्र (गोवा, महाराष्ट्र तथा कर्नाटक) के मंदिरों में प्रचलित है। इस कला को सर्वप्रथम पुर्तगालियों द्वारा प्रारंभ किया था।
- इस कला का नाम लेटेराईट मृदा में पाए जाने वाले ‘काव’ नामक लाल रंगद्रव्य के नाम पर रखा गया है।
- काव का उपयोग सफ़ेद प्लास्टर पर जीवंत चित्र बनाने के लिये प्रयोग किया जाता है। कावी कला में केवल लाल रंग का ही प्रयोग किया जाता है।
- इस कला हेतु प्लास्टर सीपियों को जलाकर, इसे नदी के तल से धुली हुई रेत और गुड़ के साथ मिलाकर प्राप्त किया जाता है।