चर्चा में क्यों
लिविंगस्टोन, जाम्बिया में संपन्न KAZA 2024 शिखर सम्मेलन के प्रतिनिधियों ने वन्य जीव और वनस्पति की लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (CITES) से बाहर निकलने का आह्वान किया है।

KAZA क्या है
- KAZA से तात्पर्य कावांगो-ज़ाम्बेजी ट्रांस-फ़्रंटियर संरक्षण क्षेत्र (Kavango-Zambezi Trans-Frontier Conservation Area : KAZA-TFCA) से है।
- यह 520,000 वर्ग किलोमीटर में फैला एक वन्यजीव अभयारण्य है।
- यह पांच दक्षिणी अफ़्रीका के देशों- अंगोला, बोत्सवाना, नामीबिया, जाम्बिया और जिम्बाब्वे में फैला है एवं ओकावांगो तथा ज़ाम्बेजी नदी घाटियों के साथ सीमाएँ साझा करता है।
- ये पांच देश दक्षिण अफ्रीका के साथ मिलकर कुल अफ़्रीकी हाथियों की आबादी (लगभग 450,000) के दो-तिहाई से ज़्यादा का आवास स्थल हैं।
- ये देश 19 अफ़्रीकी हाथी रेंज राज्यों का हिस्सा हैं, जिनमें से अकेले बोत्सवाना में हाथियों की आबादी 132,000 है, उसके बाद ज़िम्बाब्वे में 100,000 है।
CITES के साथ विवाद क्या है?
- CITES द्वारा हाथियों के अवैध शिकार को रोकने एवं उनके संरक्षण के लिए सभी प्रकार के हाथी उत्पादों के व्यापार पर वैश्विक प्रतिबंध लगाया गया है।
- KAZA सम्मलेन में सदस्य देशों द्वारा हाथी दांत के व्यापार पर CITES द्वारा पूर्ण प्रतिबंध लगाने को एक अनुचित कदम बताया है।
- इन देशों की मांग है कि इन्हें अपने देश में प्रचुर मात्रा में पाए जाने वाले हाथी दांत और अन्य वन्यजीव उत्पादों को बेचने की अनुमति दी जाए।
- हाथी उत्पादों पर पूर्ण प्रतिबंध के कारण इन देशों को अपने विशाल हाथी संसाधनों के मौद्रीकरण के लाभ से वंचित होना पड़ रहा है।
- पहले भी कई बार दक्षिणी अफ्रीकी देशों ने तर्क दिया है कि उनके वन्यजीव संसाधनों का मुद्रीकरण करने से उन्हें अपने संरक्षण प्रयासों को निधि देने में मदद मिलेगी, लेकिन CITES प्रतिनिधियों द्वारा इस अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया है।
- अफ्रीका के कुछ देशों में हाथियों की भारी संख्या को आवास क्षति तथा मानव-वन्यजीव संघर्ष की बढ़ती घटनाओं के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
- इसीलिए इन देशों कि मांग है कि उन्हें इन हिंसक वन्यजीवों के अधिक शिकार करने की अनुमति दी जानी चाहिए ताकि इन मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने का प्रबंधन कर सकें।
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CITES के बारे में
- CITES लुप्तप्राय पौधों और जानवरों को अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के खतरों से बचाने के लिए एक बहुपक्षीय संधि है।
- इसे प्रकृति के संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय संघ (IUCN) के प्रस्ताव (1963) के परिणामस्वरूप तैयार किया गया था।
- इस कन्वेंशन को 1973 में हस्ताक्षर के लिए खोला गया और 1 जुलाई 1975 को इसे लागू हुआ।
- इसे वाशिंगटन कन्वेंशन के रूप में भी जाना जाता है।
- उद्देश्य : यह सुनिश्चित करना है कि CITES के अंतर्गत शामिल जानवरों और पौधों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार से जंगली प्रजातियों के अस्तित्व को कोई खतरा न हो।
- CITES 38,000 से अधिक प्रजातियों को अलग-अलग स्तर की सुरक्षा प्रदान करता है।
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