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केन-बेतवा नदी जोड़ो राष्ट्रीय परियोजना

चर्चा में क्यों 

  • हाल ही में पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने  मध्य प्रदेश में केन-बेतवा नदी जोड़ो राष्ट्रीय परियोजना की आधारशिला रखी

केन-बेतवा नदी जोड़ो राष्ट्रीय परियोजना

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  • केन-बेतवा लिंक परियोजना नदियों को जोड़ने के लिए राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना के अंतर्गत पहली परियोजना है।
  • इस परियोजना के तहत केन नदी का पानी बेतवा नदी में स्थानांतरित किया जाएगा। 
  • ये दोनों नदियाँ यमुना नदी की सहायक नदियाँ हैं।
  • इस परियोजना का प्रबंधन जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत भारत की राष्ट्रीय जल विकास एजेंसी (NWDA) द्वारा किया जा रहा है।
  • इस परियोजना से मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कई जिलों में सिंचाई की सुविधा मिलेगी 
  • इससे लाखों किसान परिवारों को लाभ मिलेगा। 
  • इस परियोजना से क्षेत्र के लोगों को पेयजल की सुविधा भी मिलेगी।
  • इसके साथ ही, जलविद्युत परियोजनाएं हरित ऊर्जा में 100 मेगावाट से अधिक का योगदान देंगी। 
  • इस परियोजना से रोजगार के कई अवसरों का सृजन होगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।

राष्ट्रीय नदी जोड़ो परियोजना (NRLP) 

  • राष्ट्रीय नदी जोड़ो परियोजना के तहत देश में जल को इसकी अधिकता वाले क्षेत्रों से जल की कमी वाले क्षेत्रों में स्थानांतरित करना है 

उद्देश्य 

  • नदियों को आपस में जोड़ने के पीछे मुख्य उद्देश्य यह है कि देश में सभी नदियों में एक समान जल- स्तर बनाने की कोशिश की जा सके।
  • देश के कई हिस्से में सूखे की समस्या है जबकि कई अन्य हिस्से हर साल बाढ़ की समस्या का सामना करते हैं।  
  • नदियों को आपस में जोड़ने से इनमें जल स्तर का संतुलन बना रहेगा और इन दोनों आपदाओं में कमी लायी जा सकेगी

राष्ट्रीय नदी जोड़ो परियोजना के मुख्य घटक

  • इस योजना के तहत देश में कुल 30 रिवर- लिंक बनाने की योजना है, जिनसे कुल 37 नदियों को एक -दुसरे से जोड़ा जाएगा। 
  • इसके लिए 15,000 कि.मी. लंबी नई नहरों का निर्माण प्रस्तावित है   
  • यह परियोजना दो चरणों में होगी।  
  • पहला हिमालयी नदियों के विकास का होगा, जिसमें गंगा, यमुना, कोसी, सतलज, जैसी नदियाँ पर कुल 14 लिंक बनाए जाएंगे 
  • दूसरा प्रायद्वीप नदियों (दक्षिण भारत की नदियों को जोड़ने वाली) के विकास का है, जिसके तहत महानदी , गोदावरी, कृष्णा , कावेरी , नर्मदा इत्यादि पर 16 लिंक बनाने की योजना है । 
  • इस  प्रबंधन "जल शक्ति मंत्रालय" के तहत "राष्ट्रीय जल विकास एजेंसी" (NWDA) द्वारा किया जाता है।

NWDA

नदियों को जोड़ना - संक्षिप्त पृष्ठभूमि

  • नदियों को जोड़ने की अवधारणा सबसे पहले 1919 में मद्रास प्रेसीडेंसी के मुख्य अभियंता सर आर्थर कॉटन द्वारा प्रस्तावित की गई थी।
  • 1960 में, उस समय के ऊर्जा और सिंचाई राज्य मंत्री केएल राव ने इस विचार को पुनर्जीवित किया और गंगा और कावेरी नदियों को जोड़ने का सुझाव दिया।
  • पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी ने 1982 में राष्ट्रीय जल विकास एजेंसी की स्थापना की।
  • 2002 में, सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को 2003 तक नदी जोड़ो योजना विकसित करने और लागू करने का निर्देश दिया, जिसे 2016 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया। 
  • इसके बाद, 2003 में इस उद्देश्य के लिए एक टास्क फोर्स बनाई गई।
  • 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर सरकार से नदी जोड़ो परियोजना शुरू करने का आग्रह किया।
  • 2014 में कैबिनेट ने केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना को मंजूरी दी थी।

प्रश्न  - केन और बेतवा किस नदी की सहायक नदियाँ हैं ?

(a) गंगा 

(b )चम्बल 

(c) नर्मदा 

(d) यमुना 

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