(प्रारंभिक परीक्षा- अन्तर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अधययन प्रश्नपत्र- 1 : विश्व भर के मुख्य प्राकृतिक संसाधनों का वितरण)
संदर्भ
अमेरिका के नए राष्ट्रपति जो बाइडन विभिन्न चिंताओं के कारण 9 बिलियन डॉलर की ‘कीस्टोन XL पाइपलाइन परियोजना’ को रद्द करने पर विचार कर रहे हैं।
क्या है ‘कीस्टोन एक्स.एल. परियोजना’
- ‘XL पाइपलाइन’ के कार्यात्मक नेटवर्क को ‘कीस्टोन’ भी कहा जाता है, जो कनाडा के अल्बर्टा प्रांत के ऑइल सैंड (Oil Sands) को अमेरिका के इलिनॉयस और टेक्सास प्रांतों में स्थित रिफाइनरियों से जोड़गा।
- ‘कीस्टोन XL’ कनाडा और अमेरिका के बीच कीस्टोन पाइपलाइन नेटवर्क का प्रस्तावित चौथा चरण है, जिसका उद्देश्य अल्बर्टा के ऑइल सैंड और टेक्सास खाड़ी तट के बीच की दूरी को कम करना है। विदित है कि टेक्सास खाड़ी क्षेत्र में अमेरिका की कई रिफाइनरियाँ स्थित हैं।
- कीस्टोन के पहले तीन चरण पूरे हो गए हैं और वर्तमान में कनाडा से अमेरिका तक एक लंबे मार्ग के माध्यम से तेल को ले जाया जा रहा है। प्रस्तावित 1,897 किमी. लंबी यह पाइपलाइन अधिक सीधी और अधिक व्यास वाली होगी, जो कनाडा से तेल की आपूर्ति बढ़ाने में सहायक होगी।
- XL पाइपलाइन कनाडा और अमेरिकी दोनों देशों से तेल को टेक्सास स्थित रिफाइनरियों में ले जाएगी, जहाँ से इसे निर्यात किया जा सकता है।
निर्माण का कारण
- उल्लेखनीय है कि कनाडा के ऑइल सैंड स्थलरूद्ध हैं और इसके निर्माण से टेक्सास स्थित रिफाइनरियों व बंदरगाहों के माध्यम से वे अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार से सीधे जुड़ जाएंगे। इससे उन्हें और विकसित किया जा सकता है, जिससे कनाडा और अमेरिका दोनों में ऊर्जा उद्योग को लाभ होगा।
- साथ ही, इससे घरेलू आपूर्ति में भी वृद्धि होगी और अमेरिका की तेल आयात के लिये मध्य-पूर्व (पश्चिम एशिया) पर निर्भरता कम होगी।
परियोजना का विरोध
- इसके विकास से जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता बढ़ जाएगी, जिससे नवीकरणीय ऊर्जा को विकसित करने से ध्यान हटने के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन में वृद्धि होगी।
- इस ऑइल सैंड से निकलने वाला ईंधन बिटुमिन प्रकार का है, जिसके निष्कर्षण प्रक्रिया से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में अपेक्षाकृत अधिक वृद्धि होगी। कनाडा के कार्बन फुटप्रिंट को लेकर भी आपत्तियाँ हैं।
- साथ ही, पाइपलाइन से होने वाले रिसाव से अमेरिका के नेब्रास्का स्थित ओगलाला जलभृत (Ogallala Aquifer) को खतरा हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, रिसाव की स्थिति में पारंपरिक क्रूड की अपेक्षा बिटुमिन के कुछ भारी तत्त्व जलभृत की निचली सतह और भूमि पर जम जाते हैं तथा पारंपरिक प्रौद्योगिकियों के द्वारा इनकी सफाई मुश्किल होती है।
- इसके अतिरिक्त, कुछ राजनीतिक मुद्दे भी हैं, क्योंकि प्रस्तावित पाइपलाइन अंतर्राष्ट्रीय सीमा को पार करती है, जिसके लिये दोनों देशों की सरकारों के अनुमोदन की आवश्यकता है।
ऑइल सैंड (Oil Sands)
- ऑइल सैंड को टार (कोलतार) सैंड, क्रूड बिटुमिन या अधिक तकनीकी रूप में बिटुमिनस सैंड कहते हैं। यह रेत, मृदा खनिज, पानी और बिटुमिन से बनी तलछट या तलछटी चट्टानें हैं, जो अप्रचलित पेट्रोलियम निक्षेप का एक प्रकार है।
- ऑइल सैंड या तो लूज़ सैंड या आंशिक रूप से समेकित बलुआ पत्थर है, जिसमें रेत, मिट्टी और पानी का मिश्रण होता है और जो सघन एवं बेहद चिपचिपे रूप में पेट्रोलियम से युक्त होता है। इसे तकनीकी रूप से बिटुमिन के रूप में संदर्भित किया जाता है।
- कनाडा में स्थित ऑइल सैंड विश्व के सबसे बड़े भंडारों में से एक है, जबकि अन्य बड़े भंडार कजाकिस्तान, रूस और वेनेजुएला में स्थित हैं।