(प्रारंभिक परीक्षा : राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ, भारत का प्राकृतिक व आर्थिक भूगोल)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 1 व 3 : दक्षिण एशिया और भारतीय उपमहाद्वीप सहित विश्व के मुख्य प्राकृतिक संसाधनों का वितरण, बुनियादी ढाँचाः ऊर्जा, संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन)
चर्चा में क्यों?
हाल ही में, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के एक स्वायत्त संस्थान- ‘अगरकर अनुसंधान संस्थान’ (ARI) के शोधकर्ताओं द्वारा किये गए एक अध्ययन के अनुसार, कृष्णा-गोदावरी (KG) बेसिन में प्रचुर मात्रा में पाए जाने वाला ‘मीथेन हाइड्रेट निक्षेप’ मीथेन की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करेगा।
पृष्ठभूमि
यह अध्ययन डी.एस.टी.-एस.ई.आर.बी. (DST-SERB) युवा वैज्ञानिक परियोजना के एक भाग के रूप में आयोजित किया गया था। इस अध्ययन को ‘मरीन जीनोमिक्स' पत्रिका में प्रकाशन के लिये स्वीकृत कर लिया गया है।
मीथेन हाइड्रेट का निर्माण तब होता है जब हाइड्रोजन-संयुग्मित जल (Hydrogen-Bonded Water) और मीथेन गैस महासागरों में उच्च दाब और कम तापमान में एक-दूसरे के सम्पर्क में आते हैं।
अध्ययन में प्रयुक्त तकनीक
लाभ और महत्त्व
के.जी. बेसिन a. कृष्णा-गोदावरी बेसिन को के.जी. बेसिन कहा जाता है। यह आंध्र प्रदेश में 50,000 वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है। |
आगे की राह
कृष्णा-गोदावरी (KG) बेसिन और अंडमान तथा महानदी के तट के पास बायोजेनिक मूल के बड़े पैमाने पर मीथेन हाइड्रेट निक्षेप मिलने के कारण सम्बद्ध मेथोजेनिक समुदाय का अध्ययन करना भी आवश्यक है।
प्री प्लस/प्री प्वॉइंटर : 1. मिथेनोजेन्स मिथेन हाइड्रेट के रूप में फंसे बायोजेनिक मीथेन के उत्पादन में सहायक होते हैं। |
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