चर्चा में क्यों
हाल ही में, त्रिपुरा में खारची पूजा का आयोजन किया गया।

प्रमुख बिंदु
- अगरतला के खयेरपुर में एक सप्ताह तक चलने वाले इस पारंपरिक उत्सव में 14 देवी-देवताओं की पूजा की जाती है।
- इस समारोह को हाओरा नदी (Haora River) में देवताओं के स्नान के साथ शुरू किया जाता है।
- यह मुख्य रूप से एक आदिवासी उत्सव है लेकिन इसकी उत्पत्ति हिंदू धर्म से हुई है। इस उत्सव का आयोजन जून-जुलाई माह में किया जाता है।
- यह उत्सव शांति, सद्भाव और बंधुत्व का प्रतीक है क्योंकि विभिन्न स्थानों, जाति, पंथ और धार्मिक संप्रदाय के लोग इस उत्सव को मनाने के लिये एकत्रित होते हैं।