चर्चा में क्यों?
- कोरोना वायरस के खतरे के बीच फाईज़र समेत तीन कम्पनियों ने भारत में कोरोना वैक्सीन के अपातकालीन प्रयोग के लिये आवेदन किया है।
- टीकाकरण अभियान के अंतर्गत COVID-19 वैक्सीन डिलीवरी के लिये एक नए डिजिटल प्लेटफॉर्म ‘को-विन’ (CO-WIN) का इस्तेमाल किया जा रहा है।
- इस प्लेटफार्म में वैक्सीन के वितरण सम्बंधी आँकड़ों को रिकॉर्ड करने के साथ-साथ स्वास्थ्य कर्मियों का डेटाबेस भी तैयार किया जाएगा।
- को-विन ऐप शीघ्र ही सार्वजनिक रूप से उपलब्ध होगा। यह एप इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क (eVIN) का अपग्रेडेड वर्ज़न है।
Co-WIN ऐप में 5 मॉड्यूल
- मंत्रालय के अनुसार Co-WIN ऐप में 5 मॉड्यूल हैं- पहला प्रशासनिक मॉड्यूल, दूसरा पंजीकरण मॉड्यूल, तीसरा वैक्सीनेशन मॉड्यूल, चौथा लाभान्वित स्वीकृति मॉड्यूल और पांचवाँ रिपोर्ट मॉड्यूल।
- ऐसा माना जा रहा है कि एक व्यक्ति के टीकाकरण में लगभग 30 मिनट का समय लगेगा और हर सेशन में 100 लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी।
टीका लगवाने वालों का होगा पंजीकरण
- प्रशासनिक मॉड्यूल उन लोगों के लिये है जो टीकाकरण कार्यक्रम का कार्यान्वयन करेंगे।
- इस मॉड्यूल के ज़रिये वे सेशन तय कर सकते हैं, जिसके माध्यम से टीका लगवाने वाले लोगों और प्रबंधकों को नोटिफिकेशन के द्वारा जानकारी मिल जाएगी।
- पंजीकरण मॉड्यूल उन लोगों के लिये होगा जो टीकाकरण कार्यक्रम के लिये अपना पंजीकरण करवाएंगे। इस मॉड्यूल के द्वारा बड़ी संख्या में जानकारी अपलोड की जा सकती है।
- टीकाकरण के लिये प्राथमिकता वाले जनसंख्या समूह
- सरकारी और निजी स्वास्थ्य कार्यकर्ता।
- राज्य और केंद्रीय पुलिस विभाग, सशस्त्र बल, गृह रक्षक, नागरिक सुरक्षा संगठन, आपदा प्रबंधन स्वयंसेवक और नगर निगम के श्रमिक व कर्मी।
- प्राथमिक आयु समूह, जिसमें 50 वर्ष से अधिक आयु वाले और सह-रुग्णता वाले लोग शामिल हैं।
टीकाकरण के बाद मिलेगा ई-प्रमाणपत्र
- वैक्सीनेशन मॉड्यूल उन लोगों की जानकारियों के सत्यता की जाँच करेगा, जो टीका लगवाने के लिये अपना पंजीकरण करेंगे और इस बारे में स्टेटस अपडेट करेगा।
- लाभान्वित स्वीकृति मॉड्यूल के द्वारा टीकाकऱण के लाभान्वित लोगों को संदेश भेजे जाएंगे।
- इससे क्यू.आर. कोड भी जनरेट होगा और लोगों को वैक्सीन लगवाने का ई-प्रमाणपत्र मिल जाएगा।
टीकाकरण कार्यक्रम की रिपोर्ट होगी तैयार
- रिपोर्ट मॉड्यूल के ज़रिये टीकाकरण कार्यक्रम से जुड़ी रिपोर्ट तैयार होंगी, जैसे- टीकाकरण के सेशन, टीका लगे लोगों की संख्या और पंजीकरण के बावजूद टीका न लगवाने वाले लोगों की संख्या।
- इस ऐप के ज़रिये उन शीत गृहों के तापमान का वास्तविक डाटा भी उपलब्ध होगा, जहाँ वैक्सीन भंडारित किये जाएंगे।