आचार्य एन.जी. रंगा कृषि विश्वविद्यालय के तिरुपति स्थित क्षेत्रीय कृषि अनुसंधान केंद्र ने मूंगफली की एक किस्म ‘कोणार्क’ को विकसित किया है।
विशेषताएं :
यह किस्म ओडिशा और पश्चिम बंगाल की जलवायु परिस्थितियों के लिए बिल्कुल उपयुक्त पाई गई है।
यह मध्यम अवधि की फसल पानी के कुशल उपयोग के लिए जानी जाती है और 105 से 110 दिनों में उपज देती है।
उपज क्षमता 25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।
इसमें 49% तक कर्नेल ऑयल कंटेंट (kernel oil content) है और प्रोटीन की मात्रा लगभग 29% है।
यह किस्म पत्ती रोगों और मिट्टी जनित रोगों के प्रति मध्यम प्रतिरोध प्रदान करती है और साथ ही इसमें लीफहॉपर (leafhoppers) और थ्रिप्स (thrips) जैसे कीटों के प्रति भी सहनशीलता है।
मूंगफली की अन्य प्रमुख किस्में : धीरज, विशिष्टा, धरणी और हिमानी।