संदर्भ
हाल ही में, केरल के गुरुवायुर श्रीकृष्ण मंदिर के पुनर्निर्मित कूटम्बलम को सांस्कृतिक विरासत संरक्षण के लिये यूनेस्को एशिया-प्रशांत पुरस्कार के लिये चुना गया है।
कूटम्बलम
- कूटम्बलम, मंदिर रंगमंच अर्थात् केरल के प्राचीन अनुष्ठानिक कला रूपों- कुथु, नंगियार कुथु और कूदीयाट्टम के मंचन के लिये एक बंद हॉल है। हॉल के भीतर बने मंच को मंदिर के गर्भगृह के समान पवित्र माना जाता है।
- कूटम्बलम का निर्माण भरतमुनि के नाट्यशास्त्र में दिये गए दिशानिर्देशों के अनुसार किया गया है। यह मंदिर मठ के अंदर मुख्यतः पंचप्रकार के भीतर निर्मित है। केरल परंपरा में इसे मंदिर परिसर के पंचप्रसादों में से एक माना जाता है। इन मंदिरों के आयाम में भिन्नता देखने को मिलती है।
गुरुवायुरमंदिर
- यह एक हिंदू मंदिर है, जो भगवान गुरुवायुरप्पन (भगवान विष्णु का एक चार-सशस्त्र बालरूप) को समर्पित है, जो केरल के त्रिसूर ज़िले में स्थित है।
- यह केरल में हिंदुओं के लिये सबसे मह्त्त्वपूर्ण पूजा स्थलों में से एक है और इसे अक्सर भू-लोक बैकुंठ (पृथ्वी पर विष्णु का पवित्र निवास) के रूप में जाना जाता है।इस मंदिर में गैर-हिंदुओं के प्रवेश की अनुमति नहीं है। 5000 वर्षों से भी ज़्यादा प्राचीन इस मंदिर को ‘दक्षिण की द्वारका’ कहते हैं।