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IAS Foundation New Batch, Starting from 27th Aug 2024, 06:30 PM | Optional Subject History / Geography | Call: 9555124124

क्रैबे रोग

चर्चा में क्यों

वर्तमान में क्रैबे रोग से प्रभावित नवजात शिशुओं की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है। 

प्रमुख बिंदु

  • यह एक आनुवंशिक विकार है जो गंभीर न्यूरोलॉजिकल स्थितियों का कारण बनता है। यह गैलेक्टोसेरेब्रोसिडेज़ नामक एंजाइम के उत्पादित न होने के कारण होता है।
  • यह रोग स्थायी आनुवंशिक उत्परिवर्तन अर्थात् डी.एन.ए. अनुक्रम में परिवर्तन करके उत्पन्न होता है। 
  • यह रोग एक शिशु में तंत्रिका तंत्र के चारों ओर अपर्याप्त माइलिन (एक सुरक्षात्मक परत) के कारण होता है। विदित है कि माइलिन, मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी में संकेतों के सुचारू संचरण में सहायता करता है। 
  • इस सुरक्षात्मक आवरण की क्षति तंत्रिका तंत्र में कोशिकाओं की मृत्यु का कारण बन सकती है और शरीर के अंगों के सामान्य कार्यसंचालन को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करती है।
  • यह रोग मस्तिष्क में असामान्य कोशिकाओं (ग्लोबोइड्स) के कारण भी हो सकता है। ये असामान्य कोशिकाएँ एक से अधिक नाभिक वाली बड़ी कोशिकाएँ होती हैं।
  • इस रोग के मामले अधिकतर नवजात शिशुओं से लेकर 12 महीने की उम्र के बीच देखे जाते हैं।
  • वर्तमान में क्रैबे रोग का कोई इलाज उपलब्ध  नहीं है। हालांकि, 24 घंटे के भीतर नवजात की जाँच करने पर इसका निदान होने की स्थिति को उपचार योग्य ही माना जाता है।
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