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कृषि सखी

चर्चा में क्यों 

हाल ही में प्रधानमंत्री जी के द्वारा वाराणसी में 30,000 से अधिक स्वयं सहायता समूहों को कृषि सखी  प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। 

कृषि सखी के बारे में 

  • कृषि में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका और योगदान को देखते हुए ग्रामीण महिलाओं के कौशल को बढ़ावा देने के लिए, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय और ग्रामीण विकास मंत्रालय ने एक MOU पर हस्ताक्षर किए। 
    • इस MOU के तहत कृषि सखी प्रमाणन कार्यक्रम एक महत्वाकांक्षी पहल है।
  • उद्देश्य : इस प्रमाणन कार्यक्रम का उद्देश्य कृषि सखियों को प्रशिक्षण और सर्टिफिकेट प्रदान करने के साथ-साथ ‘कृषि सखी’ को ‘कृषि पैरा-एक्सटेंशन सहायक’ बनाना है।
  • यह ‘लखपति दीदी’ कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण आयाम है और ‘लखपति दीदी’ कार्यक्रम के उद्देश्यों को भी पूरा करता है।
  • इस कार्यक्रम  का पहला चरण 12 राज्यों में शुरू किया गया है जिसमे गुजरात, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, ओडिशा, झारखंड, आंध्र प्रदेश और मेघालय शामिल हैं।

कृषि सखी प्रशिक्षण के विभिन्न आयाम

  1. भूमि की तैयारी से लेकर फसल काटने तक कृषि पारिस्थितिक अभ्यास
  2. किसान फील्ड स्कूलों का आयोजन
  3. बीज बैंक की स्थापना एवं प्रबंधन
  4. मृदा स्वास्थ्य, मृदा और नमी संरक्षण प्रथाएं
  5. एकीकृत कृषि प्रणाली
  6. पशुधन प्रबंधन की मूल बातें
  7. बायो इनपुट की तैयारी, उपयोग एवं बायो इनपुट दुकानों की स्थापना
  8. बुनियादी संचार कौशल

लखपति दीदी योजना

  • इस योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त 2023 को की थी।
  • इस योजना के माध्यम से स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी 3 करोड़ महिलाओं को स्‍वरोजगार शुरू करने के लिए 1-5 लाख रुपये तक की ब्‍याज मुक्‍त आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है।
  • साथ ही महिलाओं को वित्‍तीय और कौशल प्रशिक्षण भी दिया जाता है। जिसमें एलईडी बल्ब बनाने से लेकर प्लंबिंग, ड्रोन रिपेयरिंग जैसे तकनीकी काम सिखाए जाते हैं। 
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