प्रारम्भिक परीक्षा – कृष्ण-राजसागर (KRS) बांध मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-1 |
संदर्भ
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने मांड्या जिले में ऐतिहासिक कृष्ण-राजसागर (केआरएस) बांध के 20 किलोमीटर के दायरे में सभी प्रकार के खनन और उत्खनन गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया है।

प्रमुख बिदु :-
- यह प्रतिबंध 20 किमी के दायरे में उन खनन गतिविधियों पर भी लागू होगा जिनके लिए अधिकारियों द्वारा पहले से ही अनुमति/लाइसेंस दी गई थी।
- यह प्रतिबंध इस क्षेत्र का अध्ययन पूरा होने तक लागू रहेगा।
प्रतिबंध को लागू करने का कारण :-
- खनन गतिविधियों से बांध की सुरक्षा के लिए कृष्ण-राजसागर (KRS) बांध के 20 किलोमीटर के दायरे में सभी प्रकार की खनन और उत्खनन गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
- इस प्रतिबंध को बांध सुरक्षा अधिनियम, 2021 के प्रावधानों के तहत लागू किया गया है।
कृष्ण-राजसागर (KRS) बांध:-

- इस बांध का निर्माण कर्नाटक में वर्ष 1932 में कावेरी नदी पर किया गया है।
- यह एक प्रकार का गुरुत्वाकर्षण/ग्रेविटी बांध है।
- इस बांध लंबाई लगभग 8597 फीट है और ऊंचाई (नदी तल स्तर से) लगभग 130.80 फीट है।
- इस बांध का नाम मैसूर साम्राज्य के शासक कृष्णराज वोडेयार चतुर्थ के नाम पर रखा गया है।
- इस बांध के निर्माण की योजना एम. विश्वेश्वरैया ने वर्ष 1932 में वाडेयार राजा के शासनकाल के दौरान बनाई थी, इसलिए इस बांध को एम. विश्वेश्वरैया बांध भी कहा जाता है।
- कावेरी नदी कर्नाटक के मैसूर और मांड्या जिलों के लिए जीवनदायिनी नदी है।
- इस बांध के पानी का उपयोग मैसूर और मांड्या में सिंचाई एवं पीने के पानी के रूप में किया जाता है ।
- इस बांध से छोड़े गए पानी का उपयोग तमिलनाडु में भी किया जाता है।
- इस बांध के पास से वृंदावन गार्डन / उद्यान स्थित है। यह गार्डन एक पर्यटक स्थल भी है, जहाँ प्रतिवर्ष लगभग दो मिलियन पर्यटक आते हैं।
कावेरी नदी:-
- यह नदी दक्षिण-पश्चिमी कर्नाटक राज्य के पश्चिमी घाट में ब्रह्मगिरि पर्वत से निकलती तथा तमिलनाडु और पांडिचेरी में प्रवाहित होते हुए बंगाल की खाड़ी में विलीन हो जाती है।
- इसे "दक्षिणी भारत की गंगा" भी कहा जाता है।
- कावेरी की प्रमुख सहायक नदियाँ: अर्कावती, हेमवती, लक्ष्मण तीर्थ, शिमसा, काबिनी और हरंगी हैं।
कावेरी नदी जल विवाद :-
- यह जल विवाद कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और पुदुचेरी राज्यों के बीच है।
- कावेरी जल और नदी घाटी के संबंध में जल विवाद के न्यायनिर्णयन करने के लिए भारत सरकार ने 2 जून, 1990 को कावेरी नदी जल विवाद अधिकरण (सीडब्लूडीटी) का गठन किया।
बांध सुरक्षा अधिनियम 2021:-
- इस अधिनियम के द्वारा भारत में सभी बांधों की निगरानी, निरीक्षण, संचालन और रखरखाव का प्रावधान किया गया है।
बांध सुरक्षा अधिनियम 2021 के उद्देश्य:-
- इस अधिनियम का उद्देश्य बांध विफलता से संबंधित आपदाओं को रोकना है तथा उनके सुरक्षित कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए संस्थागत तंत्र प्रदान करना है।
- इस अधिनियम के तहत बांध सुरक्षा पर एक राष्ट्रीय समिति बांध सुरक्षा नीतियों और विनियमों की निगरानी करता है।
- इस अधिनियम के तहत राष्ट्रीय बांध सुरक्षा प्राधिकरण को राज्य-स्तरीय विवादों के कार्यान्वयन और समाधान का दायित्व सौंपा है।
प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न:- निम्नलिखित में से कृष्ण-राजसागर (KRS) बांध का निर्माण किस नदी पर किया गया है?
(a) गोदावरी
(b) कृष्णा
(c) कावेरी
(d) पेन्नार
उत्तर: (c)
मुख्य परीक्षा प्रश्न:- बांध सुरक्षा अधिनियम 2021 क्या है? इसके कार्यों की विवेचना कीजिए।
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