प्रारंभिक परीक्षा - कुकी-चिन, चकमा मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्ययन प्रश्नप्रत्र 3 - सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियाँ एवं उनका प्रबंधन |
सन्दर्भ
- हाल ही में, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) द्वारा मिजोरम-बांग्लादेश सीमा पर कुकी-चिन समुदाय के कई सदस्यों को वापस बांग्लादेश भेज दिया गया।
- हालाँकि कुछ लोगों के अनुसार, कुकी-चिन को भारत में प्रवेश नहीं करने देना, जातीय आधार पर भेदभाव होगा, क्योंकि बांग्लादेश से विस्थापित हुए हजारों चकमा (ज्यादातर बौद्धों) को भारत में प्रवेश करने तथा मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश में बसने की अनुमति प्रदान की गयी है।
- बांग्लादेश में कपताई बांध के निर्माण के बाद बांग्लादेशी चकमा (बौद्ध) अप्रवासियों ने भारत में प्रवेश किया था।
कुकी-चिन शरणार्थी भारत में प्रवेश क्यों करना चाहते है
- कुकी-चिन समुदाय के लोग बांग्लादेशी सेना और एक जातीय विद्रोही समूह कुकी-चिन नेशनल आर्मी (केएनए) के बीच सशस्त्र संघर्ष के बाद बांग्लादेश छोड़कर मिजोरम में प्रवेश कर रहे हैं।
- कुकी-चिन के अलावा, म्यांमार के 40,000 से अधिक शरणार्थी हैं जिन्होंने फरवरी 2021 में सैन्य तख्तापलट के बाद से मिजोरम में शरण ली है।
- भारत 1951 के संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी सम्मेलन और इसके 1967 के प्रोटोकॉल का हस्ताक्षरकर्ता नहीं है और शरणार्थियों के अधिकारों को मान्यता नहीं देता है।
- भारत में प्रवेश करने वाले गैर-दस्तावेजीकृत प्रवासियों पर विदेशी अधिनियम का उल्लंघन करने के लिए मुकदमा भी चलाया जा सकता है।
कुकी-चिन
- कुकी-चिन जनजाति, बांग्लादेश, मिजोरम और म्यांमार के पहाड़ी इलाकों में पायी जाती है।
- कुकी-चिन, बांग्लादेश के चटगांव पहाड़ी इलाकों में निवास करने वाला ईसाई समुदाय है जो मिजोरम के लोगों के साथ घनिष्ठ जातीय संबंध साझा करता है।
- कुकी लोग उथेन नामक देवता की पूजा करते हैं।
- परंपरागत रूप से कुकी जंगलों में छोटी बस्तियों में रहते हैं, जिनमें प्रत्येक उसके अपने प्रमुख द्वारा शासित होती है, मुखिया का सबसे छोटा पुत्र अपने पिता की संपत्ति का उत्तराधिकारी होता है।
- चिन शब्द का प्रयोग म्याँमार के चिन राज्य के लोगों के लिये किया जाता है, भारत में चिन को कुकी कहा जाता है।
- कुकी-चिन जनजाति में पेइती, थादौ, वैपी, गंगटे, हमार, आइमोल और मोनसांग आदि समूह शामिल हैं।
चकमा जनजाति
- चकमा बांग्लादेश के चटगांव पहाड़ी क्षेत्र का सबसे बड़ा समुदाय है, ये चकमा भाषा बोलते हैं जो एक हिन्द-आर्य भाषा है।
- चकमा जनजाति के लोग मुख्य रूप से बौद्ध हैं।
- बिझू त्योहार चकमा जनजाति का महत्वपूर्ण त्योहार है।
- चकमा भारत के मिज़ोरम राज्य और बर्मा के रखाइन राज्य के कुछ क्षेत्रों में भी निवास करते हैं।
- आनुवांशिक दृष्टि से चकमा, बर्मा व तिब्बत की मूल जातियों से संबंधित है।
|