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कूनो वन उत्सव 

प्रारम्भिक परीक्षा – कूनो वन उत्सव, कूनो राष्ट्रीय उद्यान, चीता परियोजना
मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-1और 3

चर्चा में क्यों 

  • इस उत्सव का आयोजन 17 दिसंबर से 23 दिसंबर 2023 तक कूनो नेशनल पार्क में किया जायेगा।

Kuno-Forest-Festival

प्रमुख बिंदु 

  • इस उत्सव को मध्य प्रदेश में पहली बार आयोजित किया जा रहा है। 
  • इस उत्सव में कच्छ महोत्सव की तर्ज पर मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड की तरफ से अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस 50 टेंट वाली सिटी बसाया जा रहा है। ये टेंट 10 वर्ष तक लगे रहेंगे। 
  • उत्सव के माध्यम से पर्यावरण,पर्यटन एवं वन्यजीव जैसे- चीता के सरंक्षण का संदेश दिया जाएगा।
  • कूनो उत्सव में चीता सफारी आरंभ करने की योजना है।

विशेषताएं:- 

  • कूनो वन उत्सव में पर्यटकों के लिए पैरासेलिंग, हाट एयर बैलून, पैराग्लाइडिंग के साथ साइलेंट डीजे आन साइट की व्यवस्था भी है। 
  • आकाश में तारे देखने या स्टार गेजिंग, जंगल सफारी और स्विमिंग आदि सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया जायेगा। 
  • इसमें नाइट वाक एवं बच्चों के लिए अलग से किड्स जोन भी रहेगा।

कूनो राष्ट्रीय उद्यान :-

Kuno-National-Park

  • यह राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश के श्योपुर और मुरैना जिलों में स्थित है। इस राष्ट्रीय उद्यान का नाम कूनो नदी के नाम पर रखा गया है। 
  • इसे वर्ष 1981 में वन्यजीव अभयारण्य का दर्जा तथा वर्ष 2018 में राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया। 
  • यह राष्ट्रीय उद्यान 344.686 वर्ग किमी (133.084 वर्ग मील) क्षेत्र में विस्तृत है। 

वन्यजीव

  • इस राष्ट्रीय उद्यान में भारतीय तेंदुआ , दक्षिण-पूर्व अफ्रीकी चीता, मगरमच्छ , घड़ियाल, जंगली बिल्ली , सुस्त भालू , ढोले , भारतीय भेड़िया , भारतीय सियार , धारीदार लकड़बग्घा,बंगाल लोमड़ी, चीतल , सांभर , नीलगाय , चौसिंगा , चिंकारा , काला हिरण और जंगली सूअर आदि पाए जाते हैं। 

पक्षी :-

  • भारतीय गिद्ध , ब्राउन फिश उल्लू, मोर और स्पॉटेड उल्लू आदि पाए जाते हैं। 
  • वनस्पति :-बबूल कैटेचू , तेंदु , अप्लुडा म्यूटिका, अरिस्टिडा हिस्ट्रिक्स, थीमेडा क्वाड्रिवाल्विस, सेंच्रस सिलियारिस और डेस्मोस्टैच्या बिपिन्नाटा आदि। 

चीता परियोजना/प्रोजेक्ट चीता 

  • इस परियोजना को चिता पुनर्वास परियोजना के तहत 17 सितंबर 2022 को शुरू किया गया था। इसकी कल्पना 2009 में की गई थी।
  • भारत में चीता का अस्तित्व 70 साल पहले ही खत्म हो चुका था।
  • केंद्र सरकार ने भारत में चीतों के संरक्षण के लिए चीता परियोजना को प्रारम्भ किया।
  • इसके तहत अफ्रीका से लाये 8 चीतों को मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में पुनर्वासित  किया गया।
  • कूनो राष्ट्रीय उद्यान चीतों के लिए उपयुक्त क्षेत्र है, क्योंकि यहां उनको अच्छा शिकार मिल सकता है। भारतीय वन्यजीव संस्थान के विशेषज्ञों ने भी इस क्षेत्र की निगरानी की है।
  • अधिकारियों के अनुसार मध्य प्रदेश में जीवों के संरक्षण का रिकार्ड अच्छा रहा है, क्योंकि 2009 में पन्ना में बाघों को सफलतापूर्वक पाला गया था।
  • इस परियोजना के तहत चीतों को उनके मूलस्थान नामीबिया-दक्षिण अफ्रीका से लाया गया।

एशियाई चीता:-

  • वैज्ञानिक नामः एसिनोनिक्स जुबेटस (Acinonyx jubatus)

विशेषताएँ:

  • यह विश्व का सबसे तेज दौड़ने वाला स्तनधारी जीव है। 
  • चीते अपनी क्षमता के बजाय गति के लिये जाने जाते हैं; जब ये अपने शिकार का पीछा करते हैं तो यह केवल 200-300 मीटर के लिये तथा 1 मिनट से कम अवधि का होता है।
  • वर्ष 1952 में एशियाई चीता को आधिकारिक रूप से भारत से विलुप्त घोषित किया गया। 
  • यह IUCN की रेडलिस्ट में गंभीर खतरे (Critically Endangered) की श्रेणी में  है।  

प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न:- निम्नलिखित में से 17 दिसंबर से 23 दिसंबर 2023 तक कूनो वन उत्सव का आयोजन किस राज्य में किया जायेगा? 

(a)  असम

(b)  केरल 

(c)  महारष्ट्र 

(d)  मध्य प्रदेश 

उत्तर: (d)

मुख्य परीक्षा प्रश्न:- प्रोजेक्ट चीता क्या है? इसके प्रमुख विशेषताओं उल्लेख कीजिए।

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