प्रारंभिक परीक्षा- NSDC, OECD, ILO मुख्य परीक्षा- पेपर, 3, रोज़गार से संबंधित विषय |
संदर्भ-
उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकारों ने ‘राष्ट्रीय कौशल विकास निगम’ (NSDC) की सहायता से मुख्य रूप से निर्माण गतिविधियों के लिए इजरायल जाने के लिए लगभग 10,000 श्रमिकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है।
मुख्य बिंदु-
- NSDC अपने वेबसाइट पर इसे "विदेश में सपने देखने का पासपोर्ट" और "इजरायल में नए क्षितिज खोजने" का मौका बता रही है।
- प्लास्टरिंग श्रमिकों के लिए 2,000 रिक्तियां, सिरेमिक टाइल श्रमिकों के लिए 2,000, और लौह झुकने और फ्रेम श्रमिकों के लिए 3,000 रिक्तियां हैं।
- इनका मासिक वेतन लगभग ₹1.37 लाख (6,100 इज़रायली शेकेल) है।
- राज्य सरकारों की मदद से हरियाणा और यूपी में विभिन्न स्थानों पर स्क्रीनिंग शुरू हो गई है।
अंतर्राष्ट्रीय नियम-
- प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षा के लिए अंतर्राष्ट्रीय नियम ‘अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन’ के दो कन्वेंशन द्वारा शासित होते हैं-
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- रोजगार के लिए प्रवासन कन्वेंशन (संशोधित), 1949 (नंबर 97)
- प्रवासी श्रमिक (अनुपूरक प्रावधान) कन्वेंशन, 1975 (संख्या 143)
- भारत ने दोनों कन्वेंशनों का अनुमोदन नहीं किया है।
- इज़रायल ने वर्ष,1953 में वर्ष,1949 के रोजगार के लिए प्रवासन कन्वेंशन का अनुमोदन किया था।
- वर्ष,1949 के रोजगार के लिए प्रवासन कन्वेंशन के अनुसार,
- जहाँ तक राष्ट्रीय कानून और नियम अनुमति देते हैं प्रत्येक सदस्य देश उत्प्रवास और आप्रवासन से संबंधित भ्रामक प्रचार के विरुद्ध सभी उचित कदम उठाएगा।
- इस प्रयोजन के लिए वह अन्य संबंधित सदस्यों के सहयोग से कार्य करेगा।
विदेश जाने वाले श्रमिकों के लिए भारत में बने नियम -
- संघर्ष क्षेत्रों या अपर्याप्त श्रम सुरक्षा वाले स्थानों पर जाने वाले श्रमिकों को विदेश मंत्रालय के 'ई-माइग्रेट' पोर्टल पर पंजीकरण कराना आवश्यक है।
- ECR (उत्प्रवास जांच आवश्यक) योजना के तहत जारी किए गए पासपोर्ट अफगानिस्तान, बहरीन, इंडोनेशिया, इराक, जॉर्डन, सऊदी अरब, कुवैत, लेबनान, लीबिया, मलेशिया, ओमान, कतर, दक्षिण सूडान सहित 18 देशों की यात्रा करने वाले श्रमिकों को कवर करते हैं।
- इज़रायल इस सूची में नहीं है।
- गाजा पर इज़रायल के हमले के कारण इज़रायल जाने वालों के लिए 'ई-माइग्रेट' प्रणाली का उपयोग नहीं किया जाएगा।
- नियमों के अनुसार, कोई भी भर्ती एजेंट श्रमिकों से ₹30,000 से अधिक सेवा शुल्क नहीं लेगा।
- वर्ष, 2019 में विदेश मामलों पर संसद की स्थायी समिति की एक रिपोर्ट में केंद्र से एक ‘प्रवासन नीति’ का मसौदा तैयार करने के लिए कहा गया था।
- शशि थरूर की अध्यक्षता वाले पैनल ने कहा था कि भारतीय प्रवासियों की सुरक्षा और कल्याण के लिए मौजूदा संस्थागत व्यवस्था अपर्याप्त डेटा बुनियादी ढांचे पर आधारित हैं।
विरोध -
- ट्रेड यूनियनों ने ‘उत्प्रवास अधिनियम’(Emigration Act) के तहत उत्प्रवास नियमों का हवाला देते हुए इस कदम का विरोध किया है।
- ऐसा कदम संघर्ष क्षेत्रों से नागरिकों को वापस लाने के भारतीय लोकाचार के विरुद्ध है।
- सरकार इज़रायल को खुश करने के लिए युवाओं और श्रमिकों के बेरोजगारी का इस्तेमाल कर रही है।
- श्रमिकों को NSDC को शुल्क के साथ प्लेन के टिकट आदि का भुगतान भी करना होगा, जो लगभग ₹1 लाख तक होगा।
- सरकारों द्वारा सुविधा प्राप्त युद्ध क्षेत्र में सशुल्क भर्ती उत्प्रवास अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन है।
- ट्रेड यूनियन इस रोजगार अभियान को कोर्ट में चुनौती देने का प्रयास रहे हैं।
सरकार का पक्ष-
- भारत सरकार इजरायल के श्रम मानकों से संतुष्ट है।
- इजरायल में श्रम कानून बहुत सख्त और मजबूत हैं।
- यह आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) का सदस्य देश है।
- यहाँ श्रम कानून ऐसे हैं जो प्रवासी अधिकारों, श्रम अधिकारों को सुरक्षा प्रदान करते हैं।
- भारत सरकार भी विदेश में रहने वाले भारतीयों की सुरक्षा के सचेत है।
NSDC
NSDC को भारत में कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक- निजी भागीदारी कंपनी के रूप में स्थापित किया गया है।
NSDC के मुख्य उद्देश्य-
- महत्वपूर्ण उद्योगों के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप कौशल का उन्नयन, पाठ्यक्रम और गुणवत्ता विकसित करना।
- कौशल विकास के लिए निजी क्षेत्र की पहल को बढ़ाना, समर्थन और समन्वय करना।
- निजी क्षेत्र से महत्वपूर्ण परिचालन और वित्तीय भागीदारी के लिए प्रयास करना।
- जहां बाजार तंत्र अप्रभावी हैं या नहीं हैं, वित्तपोषण के द्वारा "बाजार-निर्माता" की भूमिका निभाना।
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ILO की रिपोर्ट-
- ILO की ‘विश्व रोजगार और सामाजिक आउटलुक: रुझान 2024’ रिपोर्ट के अनुसार,
- वैश्विक बेरोजगारी दर वर्ष, 2024 में बढ़ने वाली है।
- इस दौरान बढ़ती सामाजिक असमानताएं भी चिंता का विषय बनी हुई हैं।
- बेरोजगारी और नौकरियों का अंतर दोनों महामारी-पूर्व स्तर से नीचे आ गए हैं।
- कई निम्न और मध्यम आय वाले देशों में वर्ष, 2030 के बाद जनसांख्यिकीय परिवर्तन का अनुमान है।
- बढ़ती आबादी के साथ स्थानीय श्रम बाजारों विकास करने के लिए देशों से उचित प्रवासन नीतियां और कौशल पहल तैयार करने के लिए रिपोर्ट में कहा गया है।
- गंतव्य देशों में व्यवसायों द्वारा श्रम की मांग का अधिक सटीक पूर्वानुमान और अतिरिक्त श्रम संसाधनों वाले देशों में एक मजबूत शिक्षा और प्रशिक्षण प्रणाली की आवश्यकता होगी।
प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न-
प्रश्न- राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- इसका गठन सार्वजनिक- निजी भागीदारी कंपनी के रूप में किया गया है।
- यह वित्तपोषण के द्वारा बाजार-निर्माता की भूमिका निभाता है।
नीचे दिए गए कूट की सहायता से सही उत्तर का चयन कीजिए।
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर- (c)
मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न-
प्रश्न- आने वाले वर्षों में वैश्विक बेरोजगारी दर बढ़ने वाली है, साथ ही बढ़ती सामाजिक असमानताएं भी चिंता का विषय बनी हुई हैं। इस समस्या के समाधान के लिए भारत की कुछ राज्य सरकारें श्रमिकों को विदेश जाने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं, किंतु कुछ संगठन इसका विरोध क्यों कर रहें हैं? समीक्षा कीजिए।
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