24 नवम्बर, 1622 को जन्मे लचित बोरफूकन का पूरा नाम चाउ लचित फुकनलुंग था। वे अहोम साम्राज्य के एक सेनापति और बोरफूकन थे। इनको सन् 1671 में हुई सराईघाट की लड़ाई में मुग़ल सेनाओं के विरुद्ध नेतृत्व-क्षमता के लिये जाना जाता है।
उल्लेखनीय है कि बोरफूकन अहोम राज्य के पाँच पात्र मंत्रियों में से एक थे। इस पद का सृजन अहोम राजा स्वर्गदेव प्रताप सिंह ने किया था।
लचित बोरफुकन की वीरता और सराईघाट के युद्ध में असमिया सेना की जीत के उपलक्ष्य में प्रत्येक वर्ष 24 नवम्बर को असम में लचित दिवस (लच्छित दिवस) मनाया जाता है।