चर्चा में क्यों
हाल ही में, चीन के दो पूर्वी प्रांतों में कई व्यक्ति जूनोटिक (Zoonotic- पशुओं से मनुष्यों में संचरित होने वाला) प्रकृति के एक नए ‘लैंग्या विषाणु’ से संक्रमित पाए गए।
प्रमुख बिंदु
- इस नए प्रकार के हेनिपावायरस (Henipavirus) को लैंग्या हेनिपावायरस या ‘LayV’ भी कहा जा रहा है। यह फ़ाइलोजेनेटिक (Phylogenetic- जाति-इतिहास) आधार पर एक अलग प्रकार का हेनिपावायरस है, जो पैरामिक्सोवायरस (Paramyxovirus) परिवार से संबंधित हैं
- हेनिपावायरस को जैव सुरक्षा स्तर 4 (BSL4) रोगजनकों के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
- ये जानवरों और मनुष्यों में गंभीर बीमारी का कारण बन सकते हैं और मनुष्यों में इससे बचाव के लिये अभी तक कोई मान्यता प्राप्त दवा या टीका उपलब्ध नहीं हैं।
- इससे पूर्व ‘हेंड्रा’, ‘निपाह’, ‘सीडर’, ‘मोजिआंग’ और ‘घाना बैट वायरस’ जैसे कुछ हेनिपावायरस की पहचान की गई थी।
- इनमें से हेंड्रा और निपाह मनुष्यों को संक्रमित करते हैं और घातक बीमारी का कारण बन सकते हैं।
- लैंग्या विषाणु की जीनोम व्यवस्था ‘अन्य हेनिपावायरस के समान’ है और यह ‘मोजियांग हेनिपावायरस’ से निकटता रखता है।
लैंग्या वायरस के लक्षण
- द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन के अनुसार इससे संक्रमित व्यक्तियों में बुखार, थकान, खाँसी और मितली (Nausea) के लक्षण पाए गए।
- इसके अतिरिक्त कुछ संक्रमितों में सिरदर्द एवं उल्टी के साथ-साथ यकृत (Liver) व वृक्क (Kidney) की कार्यप्रणाली में भी समस्या समस्या देखी गई।
- साथ ही, थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (Thrombocytopenia- प्लेटलेट्स की संख्या में अत्यधिक कमी) और ल्यूकोपेनिया (Leukopenia- श्वेत रक्त कोशिकाओं की संख्या में कमी) के लक्षण भी कुछ संक्रमितों में पाए गए।
अन्य बिंदु
LayV विषाणु आर.एन.ए. (RNA) मुख्यत: छछूंदरों (Shrews) में पाया गया, जो इसके प्राकृतिक वाहक (Hosts) हो सकते हैं। साथ ही, घरेलू पशुओं, बकरियों और कुत्तों में भी सीरो-पॉजिटिविटी (रक्त सीरम में एंटीबॉडी की उपस्थिति) पाई गई। मनुष्य से मनुष्य में संचरण का अभी तक कोई स्पष्ट उदाहरण नहीं मिला हैं।