प्रारम्भिक परीक्षा – LIGO, गुरुत्वीय तरंग मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 - अंतरिक्ष |
- हाल ही में, केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा महाराष्ट्र में लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रेविटेशनल-वेव ऑब्जर्वेटरी (LIGO) स्थापित करने की मंजूरी प्रदान की गयी।
- इस परियोजना को फरवरी 2016 में केंद्र सरकार से सैद्धांतिक मंजूरी प्राप्त हुयी थी।
लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रेविटेशनल-वेव ऑब्जर्वेटरी (LIGO)
- LIGO का मुख्य उद्देश्य गुरुत्वाकर्षण तरंगों का अध्यन करना है।
- LIGO- इंडिया, विश्वव्यापी नेटवर्क के हिस्से के रूप में भारत में स्थित होने वाली एक नियोजित उन्नत गुरुत्वाकर्षण-तरंग वेधशाला है।
- यह तीसरी वेधशाला है, जो लुइसियाना और वाशिंगटन में ट्विन लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रेविटेशनल-वेव ऑब्जर्वेटरीज के सटीक विनिर्देशों के लिए बनाई गई है
- LIGO-इंडिया परियोजना का संचालन परमाणु ऊर्जा विभाग तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा किया जायेगा।
गुरुत्वीय तरंगे (Gravitational Waves)
- ‘गुरुत्वीय तरंगें’ ब्रह्मांड में चलने वाली अदृश्य लहरें होती हैं, जो ब्रह्मांड में सदैव उपस्थित रहती हैं। जब ये तरंगें किसी खगोलीय पिंड से गुजरती हैं तो उस पिंड में हल्का-सा खिंचाव या संकुचन होता है, लेकिन यह परिघटना नग्न आँखों से नहीं देखी जा सकती है। इस परिघटना का प्रेक्षण करने के लिये वैज्ञानिकों ने पृथ्वी पर कुछ ‘गुरुत्वीय तरंग वेधशालाओं’ का निर्माण किया है, जो पृथ्वी पर विभिन्न देशों में उपस्थित हैं।
- यद्यपि वैज्ञानिक इस विषय पर एकदम स्पष्ट नहीं हैं कि गुरुत्वीय तरंगों की उत्पत्ति कैसे होती है, तथापि निम्नलिखित कुछ घटनाओं को गुरुत्वीय तरंगों की उत्पत्ति का स्रोत माना जाता है–
- सुपरनोवा में विस्फोट होना
- किन्हीं खगोलीय पिंडों का आपस में टकराना
- दो बड़े तारों का एक-दूसरे के सापेक्ष चक्कर लगाना
- दो ब्लैक होल्स का एक-दूसरे के सापेक्ष घूमना तथा आपस में विलीन हो जाना, इत्यादि।
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