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जहाज 'मालपे और मुलकी' का जलावतरण

चर्चा में क्यों ?

  • हाल ही में माहे श्रेणी के मालपे और मुलकी जहाज का कोच्चि में जलावतरण किया गया।
  • इनका नाम भारत के सामरिक महत्व के बंदरगाहों के नाम पर रखा गया है। 
  • इन जहाजों का निर्माण स्वदेशी रूप से किया गया है, इनकी लगभग 80 प्रतिशत सामग्री भारतीय है।
  • ये भारतीय नौसेना के लिए मैसर्स कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा निर्मित आठ एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वॉटर क्राफ्ट परियोजना के चौथे और पांचवें जहाज हैं 
  • रक्षा मंत्रालय और कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड के बीच 30 अप्रैल, 2019 को आठ जहाजों के निर्माण के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे।
  • माहे श्रेणी के जहाज़ों को स्वदेशी रूप से विकसित, अत्याधुनिक अंडरवाटर सेंसर से सुसज्जित किया जाएगा। 
  • ये जहाज स्वदेशी रूप से विकसित अत्याधुनिक पानी के नीचे सेंसर से लैस होंगे 
  • इन्हें तटीय जल में पनडुब्बी रोधी अभियानों के साथ-साथ कम तीव्रता के समुद्री संचालन तथा खदान बिछाने के काम के लिए तैयार किया गया है।
  • ये जहाज 78.0 मीटर लंबे और 11.36 मीटर चौड़े हैं 
  • ये 25 समुद्री मील की अधिकतम गति प्राप्त कर सकते हैं। 

प्रश्न - माहे श्रेणी के जहाजों का निर्माण किसके द्वारा किया जा रहा है ?

(a) हिन्दुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड 

(b) मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स

(c) गोवा शिपयार्ड लिमिटेड

(d) कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड

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