संदर्भ
हाल ही में 10 साल के अंतराल के पश्चात् पहली बार कांग्रेस पार्टी के रायबरेली लोकसभा क्षेत्र से सांसद राहुल गाँधी को लोकसभा में विपक्ष का नेता के रूप में नियुक्त किया गया है।
विपक्ष का नेता के बारे में
- संसद के प्रत्येक सदन में प्रमुख विपक्षी दल के किसी एक संदस्य को विपक्ष का नेता नियुक्त किया जाता है।
- हालाँकि, संविधान में कहीं भी विपक्ष के नेता के पद का उल्लेख नहीं किया गया है।
- विपक्ष के नेता के पद को संसद में “संसद में विपक्षी नेता वेतन और भत्ता अधिनियम, 1977” के माध्यम से वैधानिक मान्यता प्राप्त है।
- सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता को, जिसके पास लोकसभा की कुल सदस्य संख्या के दसवें हिस्से से कम सीटें नहीं हों, विपक्ष के नेता के रूप में मान्यता दी जाती है।
- उदाहरण- लोकसभा में वह पार्टी दावा कर सकती है जो सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है और जिसे कम से कम 55 सीटें प्राप्त हैं।
- विपक्ष का नेता कैबिनेट मंत्री के समान वेतन, भत्ते और अन्य सुविधाओं का हकदार होता है।
विपक्ष के नेता का महत्व
- विपक्ष का नेता लोक लेखा समिति, सार्वजनिक उपक्रम समिति, प्राक्कलन समिति जैसी महत्वपूर्ण समितियों सहित कई अन्य संयुक्त संसदीय समितियों का सदस्य भी हो सकता है।
- वह केंद्रीय सतर्कता आयोग, केंद्रीय सूचना आयोग, सी.बी.आई., एन.एच.आर.सी. और लोकपाल जैसे वैधानिक निकायों के प्रमुखों की नियुक्ति के लिए जिम्मेदार विभिन्न चयन समितियों का सदस्य बनने की योग्यता रखता है।
- वह सरकारी नीतियों की रचनात्मक आलोचना करता है और एक वैकल्पिक सरकार के प्रमुख के रूप में कार्य करता है।