छत्रपति संभाजी महाराज के जीवन पर बनी फिल्म ‘छावा’ में ‘लेजिम लोकनृत्य’ को लेकर मराठा समुदाय ने कड़ी आपत्ति व्यक्त की है।
लेजिम लोकनृत्य के बारे में
- परिचय : लेज़िम (लेझिम) या लाज़ियम महाराष्ट्र राज्य का एक प्रमुख लोक नृत्य है।
- इसे ‘लेज़ियम नृत्य’ भी कहा जाता है।
- नामकरण : लेज़िम एक छोटा संगीत वाद्ययंत्र है जिसमें धातु की पतली डिस्क लगी होती है जो झंकार के साथ ध्वनि उत्पन्न करती है। शास्त्रीय नृत्य करते समय नर्तक इसका उपयोग करते हैं।
- इसी वाद्य यंत्र के नाम पर इस नृत्य शैली का नाम रखा गया है।
- शामिल वाद्य यंत्र : इस नृत्य में एक प्रमुख ड्रम वाद्य यंत्र ढोलकी का उपयोग मुख्य तालवाद्य के रूप में किया जाता है।
लेजिम लोकनृत्य के प्रकार
- मिलिट्री लेज़िम
- तालथेक्या
- सामान्यजन्नना
- विशेषताएँ : यह नृत्य के साथ-साथ एक कठोर शारीरिक व्यायाम भी है जिसका प्रदर्शन पंक्तिबद्ध होकर या गोलाकार संरचना के रूप में किया जाता है।
- यह महाराष्ट्र में विभिन्न सामाजिक एवं धार्मिक उत्सवों (गणेशोत्सव) के दौरान किया जाता है।
- महाराष्ट्र के अन्य लोकनृत्य : लावणी, कोली, तमाशा, डिंडी, पोवाडा, वारली, धनगरी गाजा आदि।
छत्रपति संभाजी महाराज के बारे में
- छत्रपति संभाजी महाराज छत्रपति शिवाजी महाराज के सबसे बड़े पुत्र थे। वे वर्ष 1681 में सौतेले भाई राजाराम के साथ उत्तराधिकार युद्ध के बाद सत्ता में आए थे।
- इन्होंने बुधभूषण, नखशिख, नायिकाभेद तथा सातशतक नामक चार ग्रंथों की रचना की।
- संभाजी मुगल सम्राट औरंगजेब (1618-1707) के समकालीन थे। वर्ष 1689 में मुगलों ने उनकी हत्या कर दी।
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