प्रारंभिक परीक्षा- समसामयिकी, जीवन प्रत्याशा मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर- 3 |
संदर्भ:
हाल ही में द लैंसेट जर्नल में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, वर्ष 2019 और वर्ष 2021 के बीच वैश्विक जीवन प्रत्याशा में 1.6 वर्ष की गिरावट आई है। यह पिछले वर्षों में जीवन प्रत्याशा में हुई सुधारों के विपरीत है।
मुख्य बिंदु:
- अमेरिका के दो संस्थानों इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन (IHME) और यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन (UWयूडब्ल्यू) ने समन्वित प्रयासों से ‘ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज स्टडी (GBD)-2021’ नामक शोध प्रस्तुत किए।
- GBD-2021 कोविड महामारी के पहले दो वर्षों के जनसांख्यिकीय रुझानों का पूरी तरह से मूल्यांकन करने वाला पहला शोध है।
- GBD-2021 देशों को कोविड -19 महामारी के पहले दो वर्षों और भविष्य के दीर्घकालिक रुझानों को देखते हुए वैश्विक स्वास्थ्य परिदृश्य में हुए परिवर्तनों को बेहतर ढंग से समझने और उससे निपटने में सक्षम बनाएगा।
शोध से मिली महत्वपूर्ण जानकारियां:
- वर्ष 2019 और वर्ष 2021 के दौरान 84% देशों और क्षेत्रों में जीवन प्रत्याशा में गिरावट आई है।
- इस दौरान वैश्विक स्तर पर वयस्क मृत्यु दर में सर्वाधिक वृद्धि हुई है।
- सभी कारणों को मिलाकर वर्ष 2020 और वर्ष 2021 के दौरान संयुक्त रूप (पुरुष+ महिला) से वैश्विक स्तर पर लगभग 131 मिलियन लोगों की मृत्यु हुई।
- इनमें से लगभग 16 मिलियन लोगों की मृत्यु कोविड महामारी के कारण हुई या तो प्रत्यक्ष रूप से संक्रमित होने से या अप्रत्यक्ष रूप से सामाजिक, आर्थिक या व्यवहारिक परिवर्तन आने से।
- शोध के अनुसार, जॉर्डन और निकारागुआ में महामारी के दौरान मृत्यु दर ऊंची थी।
- बारबाडोस, न्यूजीलैंड, एंटीगुआ और बारबुडा में महामारी के दौरान हुई मृत्यु दर सबसे कम थी।
- कोविड -19 महामारी के बाद वैश्विक मृत्यु दर में 15 वर्ष से अधिक आयु के लोगों की संख्या बढ़ी है।
- वर्ष 2019 से वर्ष 2021 के दौरान पुरुषों की मृत्यु दर में 22% और महिलाओं की मृत्यु दर में 17% की वृद्धि हुई है।
- COVID-19 महामारी के दौरान बाल मृत्यु दर में पहले की तरह गिरावट जारी रही;
- किंतु पिछले वर्षों की तुलना में अधिक धीमी गति से गिरावट हुई।
- वर्ष 2019 की तुलना में वर्ष 2021 में पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की 5 लाख से कम मौतें हुईं।
- बाल मृत्यु दर में क्षेत्रीय स्तर पर भी बहुत अधिक अंतर बना हुआ है;
- वैश्विक स्तर पर मरने वाले प्रत्येक चार बच्चों में से एक बच्चा दक्षिण एशिया का है।
- प्रत्येक चार बच्चों में से दो बच्चे उप-सहारा अफ्रीका के हैं।
- इसके बावजूद, वर्ष 1950 और वर्ष 2021 के दौरान जीवन प्रत्याशा में हुई ऐतिहासिक प्रगति को कोविड-19 महामारी पूरी तरह कम नहीं कर पाया है।
- वैश्विक जनसंख्या में गिरावट कुछ वर्षों के ठहराव के बाद वर्ष 2017 में शुरू हुई, जो महामारी के दौरान तेज हो गई।
- इस दौरान भी अनेक कम आय वाले देशों की जनसंख्या में तेजी से वृद्धि देखी गई है, जिनमें से अधिकांश देश उप-सहारा अफ्रीका (39.5%) और दक्षिण एशिया (26.3%) के हैं।
- जनसंख्या प्रवृत्तियों का आकलन करते हुए शोधकर्ताओं ने पाया कि वर्ष 2021 में वैश्विक जनसंख्या लगभग 7.9 बिलियन तक पहुंच गई है।
- 204 देशों और क्षेत्रों में से 56 देशों और क्षेत्रों में जनसंख्या वृद्धि हुई।
- वैश्विक आबादी बूढ़ी (ageing) भी हो रही है;
- वर्तमान में 204 देशों और क्षेत्रों में से 188 देशों और क्षेत्रों में 65 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों की संख्या 15 वर्ष से कम उम्र के लोगों की संख्या की तुलना में तेजी से बढ़ रही है।
जीवन प्रत्याशा
- यह आयु का औसत अनुमानित संख्या है, जिसे प्रत्येक स्वस्थ्य व्यक्ति जीने की उम्मीद कर सकता है।
- इसका सबसे सामान्य माप जन्म के समय जीवन प्रत्याशा है।
- यह एक काल्पनिक माप है।
- वर्ष 2015-19 की अवधि में भारत की जन्म के समय जीवन प्रत्याशा 69.7 तक पहुंच गई है।
- यह अनुमानित वैश्विक औसत जीवन प्रत्याशा 72.6 वर्ष से कम है।
प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न:
प्रश्न: जीवन प्रत्याशा के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- यह आयु का औसत अनुमानित संख्या है।
- इसका सबसे सामान्य माप जन्म के समय जीवन प्रत्याशा है।
- यह एक काल्पनिक माप है।
- वर्ष 2015-19 की अवधि में भारत की जन्म के समय जीवन प्रत्याशा 69.7 तक पहुंच गई है।
उपर्युक्त में से कितना/कितने कथन सही है/हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) केवल तीन
(d) सभी चारों
उत्तर- (d)
मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न:
प्रश्न: हाल ही में द लैंसेट जर्नल में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, वर्ष 2019 और वर्ष 2021 के बीच वैश्विक जीवन प्रत्याशा में 1.6 वर्ष की गिरावट आई है जो पिछले वर्षों में जीवन प्रत्याशा में हो रहे सुधारों के विपरीत है। विवेचना कीजिए।
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