(प्रारंभिक परीक्षा के लिए - लाइफस्टाइल फॉर द एनवायरनमेंट, पार्टियों का सम्मेलन (COP26)
(मुख्य परीक्षा के लिए, सामान्य अध्ययन प्रश्नप्रत्र 3 – पर्यावरण संरक्षण)
चर्चा में क्यों
- संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस एक विशेष पर्यावरण कार्यक्रम में भाग लेने के लिए अगले सप्ताह भारत आएंगे।
- यह कार्यक्रम इसी वर्ष जून में भारत द्वारा घोषित ‘लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट’ (LiFE) पहल का हिस्सा है।
- इस कार्यक्रम का आयोजन नीति आयोग द्वारा किया जा रहा है।
लाइफस्टाइल फॉर द एनवायरनमेंट पहल
- इस वैश्विक पहल 'लाइफस्टाइल फॉर द एनवायरनमेंट– लाइफ मूवमेंट' की शुरुआत भारत द्वारा की गयी ।
- 2021 के ग्लासगो में 26वें संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP26) के दौरान भारत द्वारा 'लाइफ' अभियान का विचार पेश किया गया था।
- यह पहल पर्यावरण के प्रति जागरूक जीवन शैली को बढ़ावा देती है, जो 'मनुष्य और विनाशकारी खपत' की जगह पर 'मनुष्य और जानबूझकर उपयोग' पर केंद्रित है।
- यह पहल दुनिया भर के लोगों, समुदायों और संगठनों को पर्यावरण के प्रति जागरूक जीवन शैली अपनाने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से शुरू की गयी है।
- इस अभियान का उद्देश्य एक ऐसी जीवन शैली अपनाना है, जो हमारे ग्रह के अनुरूप हो और इसे नुकसान ना पहुंचाए।
- ऐसी जीवन शैली अपनाने वालों को "प्रो–प्लैनेट पीपल" कहा जाता है।
- इसके पहल के अंतर्गत शिक्षाविदों, विश्वविद्यालयों और अनुसंधान संस्थानों आदि से विचारों और सुझावों को आमंत्रित करने के लिए 'लाइफ ग्लोबल कॉल फॉर पेपर्स' की शुरुआत भी की गई है।
- लाइफ मिशन अतीत से सीख लेता है, वर्तमान में संचालित होता है और भविष्य पर ध्यान केंद्रित करता है।
पर्यावरण सरक्षण के लिए भारत द्वारा किये गए प्रयास
- भारत का वन क्षेत्र बढ़ रहा है, और बाघों, तेंदुओं, हाथियों तथा गैंडों की आबादी भी बढ़ रही है।
- देश का कुल वन और वृक्षों से आच्छादित क्षेत्र 80.9 मिलियन हेक्टेयर है, जो देश के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 24.62 प्रतिशत है।
- वर्ष 2019 के आकलन की तुलना में देश के कुल वन और वृक्षों से आच्छादित क्षेत्र में 2,261 वर्ग किमी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
- भारत ने लक्षित वर्ष 2022 से 4 वर्ष पहले 2018 में ही बाघों की आबादी को दोगुना करने की उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल कर ली है।
- वैश्विक स्तर पर जंगली बाघों की आबादी का लगभग 75 प्रतिशत हिस्सा भारत में है।
- COP-21 में, अपने राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) के हिस्से के रूप में, गैर–जीवाश्म ईंधन आधारित स्रोतों से स्थापित विद्युत क्षमता के 40 प्रतिशत तक पहुंचने की भारत की प्रतिबद्धता निर्धारित समय से 9 वर्ष पहले हासिल कर ली गई है।
- पेट्रोल में 10 प्रतिशत एथेनॉल ब्लेंडिंग का लक्ष्य नवंबर 2022 के लक्ष्य से 5 महीने पहले हासिल कर लिया गया है।
- अगले लक्ष्य के रूप में 20 प्रतिशत इथेनॉल के साथ मिश्रित पेट्रोल बनाने का लक्ष्य 2025 तक तय किया गया है।
- यह एक बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि 2013-14 में इथेनॉल सम्मिश्रण 1.5 प्रतिशत और 2019-20 में 5 प्रतिशत था।
- सरकार द्वारा अक्षय ऊर्जा पर भी अधिक ध्यान दिया गया है, तथा आगे का रास्ता नवाचार तथा खुलेपन से जुड़ा हुआ है।
- भारत में कुल स्थापित अक्षय ऊर्जा क्षमता, बड़ी जलविद्युत परियोजनाओं को छोड़कर, 100 गीगावॉट के महत्वपूर्ण पड़ाव को पार गई है।
- भारत आज स्थापित अक्षय ऊर्जा क्षमता के मामले में विश्व में चौथे स्थान पर, सौर ऊर्जा में विश्व में पांचवें तथा पवन ऊर्जा में विश्व में चौथे स्थान पर है।