New
IAS Foundation Course (Pre. + Mains) - Delhi: 20 Jan, 11:30 AM | Prayagraj: 5 Jan, 10:30 AM | Call: 9555124124

हल्के लड़ाकू विमान कार्यक्रम

चर्चा में क्यों?

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एच.ए.एल.) की वर्ष 2024 में भारतीय वायु सेना (आई.ए.एफ.) को हल्के लड़ाकू विमान (एल.सी.ए मार्क-1ए) की डिलीवरी शुरू करने की योजना है। 

हल्के लड़ाकू विमान कार्यक्रम

हल्के लड़ाकू विमान कार्यक्रम का उद्देश्य वर्ष 1970 से भारतीय वायुसेना का मुख्य आधार रहे मिग-21 लड़ाकू जेट विमानों के स्थान पर नए लड़ाकू विमान विकसित करना था। साथ ही, इसका अन्य उद्देश्य स्वदेशी घरेलू विमानन निर्माण क्षमता को प्रोत्साहित करना था।

एल.सी.ए. का विकास क्रम 

  • वर्ष 1984 में हल्के लड़ाकू विमान कार्यक्रम के प्रबंधन के लिये भारत सरकार ने वैमानिकी विकास एजेंसी (ए.डी.ए.) की स्थापना की। इस कार्यक्रम में एच.ए.ल., डी.आर.डी.ओ. और अन्य सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र की भागीदारी थी।
  • इसके डिजाइन को वर्ष 1990 में एक छोटे टेल-लेस डेल्टा विंग एयरक्राफ्ट के रूप में अंतिम रूप दिया गया।
  • मई 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने स्वदेशी एकल इंजन और बहु-भूमिका वाले हल्के लड़ाकू जेट को 'तेजस' नाम दिया।
  • पहले प्रोटोटाइप विमान ने नवंबर 2003 में उड़ान भरी और वर्ष 2005 में इसका परीक्षण चरण पूर्ण हुआ। जनवरी 2015 में भारतीय वायु सेना को पहला स्वदेश निर्मित हल्का लड़ाकू विमान ‘तेजस’ प्राप्त हुआ।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR