अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने चांद की सतह पर एक लाइटहाउस स्थापित करने की योजना बनाई है। इसका नाम लूनर नोड-1 है।
लूनर नोड 1 का परीक्षण
- वैज्ञानिकों ने ओडीसियस (Odysseus) लैंडर पर लूनर नोड-1 (LN-1) डेमोस्ट्रेटर नामक एक स्वायत्त नेविगेशन प्रणाली का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है।
- यह तकनीक चंद्रमा पर ‘लाइटहाउस’ के रूप में काम करेगी। यह अंतरिक्ष एजेंसी को अंतरिक्ष यात्रियों एवं रोबोट खोजकर्ताओं का वास्तविक समय का डाटा प्रदान करेगी।
ओडीसियस यान के बारे में
- ओडीसियस एक रोबोटिक लैंडर है जो फरवरी में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के निकट मालापर्ट ए नाम के क्रेटर में उतरा था।
- इसका निर्माण ‘इंट्यूएटिव मशीन’ ने किया है। यह एक नोवा-सी चंद्र लैंडर है जिसे स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट से लॉन्च किया गया था।
- पेरेग्रीन लैंडर के बाद ओडीसियस निजी क्षेत का दूसरा प्रयास है।
- 50 से अधिक वर्षों में चंद्रमा पर उतरने वाला यह पहला अमेरिकी अंतरिक्ष यान है। इससे पूर्व वर्ष 1972 में अमेरिकी अंतरिक्ष यान अपोलो 17 चंद्रमा पर उतरा था।
- यह मिशन नासा की कमर्शियल लूनर पेलोड सर्विसेज़ (CLPS) पहल और आर्टेमिस अभियान का हिस्सा है।
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लूनर नोड 1 प्रणाली का लाभ
- चंद्रमा पर ऑर्बिटर, लैंडर एवं अंतरिक्ष यात्रियों को जोड़ सकने में सक्षम
- साथ ही, यह अन्य ग्राउंड स्टेशनों, नेटवर्क वाले अंतरिक्ष यान और गतिशील रोवर्स के संबंध में प्रत्येक अन्वेषणकर्ता की स्थिति को डिजिटल रूप से सत्यापित करने में मदद करता है।
- खोजकर्ताओं के लिए चंद्रमा पर जाने और वहां पर स्थायी आधार स्थापित करने में सुरक्षात्मक रूप स सहायक
- नेविगेशन व संचार रिले एवं पृष्ठीय नोड्स को बढ़ाने के साथ-साथ कक्षा व सतह पर विभिन्न उपयोगकर्ताओं को अधिक मजबूती तथा क्षमता प्रदान करने के लिए भी प्रयुक्त किए जा सकने में सक्षम।