लायन-टेल्ड मकाक, जिसे सिंह-पूंछ मकाक या वांडरू (Wanderoo) के नाम से भी जाना जाता है, दक्षिण भारत के पश्चिमी घाटों का स्थानीय प्राइमेट (primate) बंदर है।
इन बंदरों को नीलगिरि संरक्षित जैवमंडल में विशेष रूप से देखा जा सकता है।
लायन-टेल्ड मकाक काले फर से ढके होते हैं और उनके चेहरे के चारों ओर एक आकर्षक ग्रे या सिल्वर अयाल होता है जो नर-मादा दोनों में पाया जा सकता है।
वैज्ञानिक नाम : मकाका सिलीनस (Macaca silenus)
संरक्षण स्थिति
IUCN : लुप्तप्राय (Endangered : EN)
CITES : परिशिष्ट-I
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 : अनुसूची-I
खतरा :निवास स्थान का क्षरण, वाहनों की बढ़ती आवाजाही, पर्यटकों द्वारा दिए जाने वाले भोजन और अनुचित अपशिष्ट प्रबंधन ने इस प्रजाति के संकट को बढ़ाने का कार्य किया है।
प्राकृतिक वास : जंगल में, शेर की पूंछ वाले मकाक केवल भारत के मूल निवासी हैं। ये पश्चिमी घाट की पहाड़ियों और दक्षिण-पश्चिमी भारत के पहाड़ों में रहते हैं।
आबादी : जीव विज्ञानियों के अनुसार, जंगल में इनकी वर्तमान संख्या 3,000 से 3,500 के बीच हो सकती है।