(प्रारंभिक परीक्षा : पर्यावरणीय पारिस्थितिकी, जैव-विविधता और जलवायु परिवर्तन संबंधी सामान्य मुद्दे)
संदर्भ
'प्राइमेट कंजर्वेशन' के एक हालिया अध्ययन में बढ़ते मानवीय संपर्क के कारण भारत के पश्चिमी घाटों में पाए जाने वाले लायन टेल्ड मैकॉकपर बढ़ते खतरे की चेतावनी दी गई है।
मानव-वन्यजीव संपर्क, विशेष रूप से गैर-मानव प्राइमेट, उन क्षेत्रों में बढ़ती चिंता का विषय है जहां सड़कें और वृक्षारोपण प्राकृतिक आवासों पर अतिक्रमण कर रहे हैं।
लायन टेल्ड मैकॉक
लायन-टेल्ड मैकॉक को सिंह-पूंछ मकाक या वांडरू (Wanderoo) के नाम से भी जाना जाता है।
ये दक्षिण भारत के पश्चिमी घाटों का स्थानीय प्राइमेट (primate) बंदर है,जो कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में छोटे और अत्यधिक खंडित वर्षा वनों में पाए जाते हैं।
इन बंदरों को विशेष रूप से नीलगिरि संरक्षित जैवमंडल में देखा जा सकता है।
वैज्ञानिक नाम :मकाका सिलीनस (Macaca silenus)
संरक्षण स्थिति
IUCN : लुप्तप्राय (Endangered : EN)
CITES :परिशिष्ट-I
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 :अनुसूची-I
ये (प्राइमेट्स) अधिकतर शर्मीले स्वभाव वाले और फल-भक्षी होते हैं, जो सदाबहार वर्षा वनों में अपेक्षाकृत ऊपरी कैनोपियों में रहना पसंद करते हैं।
लायन-टेल्ड मैकॉक काले फर से ढके होते हैं और उनके चेहरे के चारों ओर एक आकर्षक ग्रे या सिल्वर अयाल (बालों का घेरा) होता है।