प्रारंभिक परीक्षा - समसामयिकी, लोकनीति-सीएसडीएस सर्वेक्षण,2023 मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन पेपर-3 |
चर्चा में क्यों-
लोकनीति और सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज (CSDS), 2023 सर्वेक्षण में भारत के 15 से 34 साल के युवाओं ने सबसे बड़ी चिंता बेरोजगारी और आर्थिक संघर्ष को माना है।
प्रमुख बिंदु-
- युवा अर्थव्यवस्था से संबंधित चुनौतियों को राष्ट्र के सामने सबसे महत्वपूर्ण चुनौतियों के रूप में देख रहे हैं।
- रिपोर्ट युवाओं के करियर की आकांक्षाओं, नौकरी की प्राथमिकताओं और अपेक्षाओं के बारे में जानकारी प्रदान करती है।
- विशेष रूप से मध्यम वर्ग के 15 से 34 वर्ष के बीच के 36% भारतीय युवाओं का मानना है कि बेरोजगारी देश के सामने सबसे बड़ी समस्या है।
- निम्न आर्थिक पृष्ठभूमि वाले युवाओं के लिए गरीबी और मूल्य वृद्धि एक प्रमुख समस्या बनकर उभरी है।
- महिलाओं के एक बड़े हिस्से (सभी आर्थिक वर्गों की) ने भी मंहगाई और गरीबी के बारे में चिंता व्यक्त की।
- जबकि 16% ने गरीबी को, वहीं 13% मुद्रास्फीति को, 6% ने भ्रष्टाचार को और 4% ने उच्च जनसंख्या को समस्या सूची में प्रथम स्थान पर रखा है।
रोजगार की चिंता-
- 2016 में इसी तरह के सर्वेक्षण के परिणामों से बेरोजगारी को सबसे बड़ी समस्या के रूप में पहचानने वाले युवाओं का अनुपात 18 प्रतिशत बढ़ गया है।
- प्राथमिक चिंता के रूप में मंहगाई को कारण मानने वालों का हिस्सा 7 प्रतिशत बढ़ गया है।
- 2023 के सर्वेक्षण के आंकड़े बेरोजगारी को सभी आर्थिक वर्गों में एक महत्वपूर्ण चिंता के रूप में दिखाते हैं।
- 40% उच्च शिक्षित उत्तरदाताओं (स्नातक और ऊपर) ने बेरोजगारी को सबसे गंभीर चिंता के रूप में पहचाना है।
- 27% गैर-साक्षर व्यक्तियों ने बेरोजगारी को अपनी प्राथमिक चिंता बताया।
- 42% पुरुषों ने कहा कि बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है।
- युवा महिलाओं में यह संख्या 31% रही।
व्यावसायिक स्थिति-
लगभग आधे उत्तरदाताओं ने कहा कि वे किसी न किसी प्रकार के काम में लगे हुए थे जिसमें लगभग 20% कामकाजी युवाओं ने रुचि के कारण अपनी नौकरी चुनी जबकि लगभग समान अनुपात (18%) के पास मौजूदा रोजगार ही एकमात्र विकल्प था-
- 40% के पास पूर्णकालिक नौकरियां थीं
- 9% अंशकालिक काम कर रहे थे।
- नौकरी-पेशा युवाओं में से लगभग एक चौथाई स्व-रोज़गार में संलग्न थे।
- सोलह प्रतिशत डॉक्टर या इंजीनियर जैसे पेशेवर थे।
- 15% कृषि में लगे थे।
- अर्ध-अकुशल और कुशल श्रमिक कुल का 27% थे।
- केवल 6% सरकारी नौकरियों में थे।
नौकरी की आकांक्षाएँ-
रोजगार प्राप्त युवाओं से पूछे जाने पर कि यदि उन्हें चुनने की स्वतंत्रता हो तो उनका आदर्श व्यवसाय क्या होगा-
- युवाओं का बड़ा हिस्सा लगभग 23% बिजनेस की चाहत रखता है।
- लगभग 16% युवाओं ने स्वास्थ्य क्षेत्र में नौकरियों का उल्लेख किया।
- 14% युवाओं की पसंद के साथ शिक्षा क्षेत्र दूसरा सबसे पसंदीदा रहा।
- खुद का व्यवसाय शुरू करने की इच्छा रखने वाले 10% रहे।
- 6% सरकारी नौकरी करना चाह रहे थे।
- सिर्फ 2% युवाओं ने कहा कि वह वर्तमान नौकरियों में बने रहना चाहेंगे।
सरकारी नौकरी बनाम प्राइवेट नौकरी
सरकारी नौकरी, निजी नौकरी या अपना खुद का व्यवसाय स्थापित करने में से किसी एक को चुनने के लिए कहा गया तो-
- पांच में से तीन उत्तरदाताओं ने सरकारी नौकरी को चुना
- चार में से एक से अधिक ने स्व-रोजगार चुना।
- स्व-रोजगार स्थापित करने की प्राथमिकता 2007 में 16% से 2023 में 27% दर्ज हुई है।
प्रश्न:- लोकनीति-सीएसडीएस आर्थिक सर्वेक्षण के सन्दर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- आर्थिक चिंताओं में बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है।
- अधिकांश युवा सरकारी नौकरी पाना चाहते हैं।
- युवाओं में स्व-रोजगार स्थापित करने में बढ़ोत्तरी हुई है।
उपर्युक्त में से कितना/कितनें कथन सही है/हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीनों
(d) कोई नहीं
उत्तर - (c)
मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न- क्या बेरोजगारी सबसे बड़ी आर्थिक चुनौती है? समीक्षा कीजिए।
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