संदर्भ
भारत ने अर्जेंटीना में संयुक्त रूप से लीथियम अन्वेषण के लिये एक समझौता किया है। विदित है कि अर्जेंटीना में चाँदी के भी बड़े भंडार पाए जाने की संभावना है। चाँदी, लीथियम आयन रिचार्जेबल बैटरी के निर्माण में बहुत महत्त्वपूर्ण घटक है, जो इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs), लैपटॉप और मोबाइल फोन को ऊर्जा प्रदान करता है।
खनिज विदेश इंडिया लिमिटेड
- यह समझौता राज्य के स्वामित्व वाली एक नई कंपनी के माध्यम से पिछले वर्ष अर्जेंटीना की एक फर्म के साथ किया गया है।
- नई कंपनी का नाम ‘खनिज विदेश इंडिया लिमिटेड’ है। इसे अगस्त, 2019 में राज्य-स्वामित्व वाली तीन कंपनियों, यथा- नाल्को, हिंदुस्तान कॉपर और खनिज अन्वेषण लिमिटेड द्वारा निगमित किया गया है।
- विदेशों में लीथियम और कोबाल्ट जैसे रणनीतिक खनिज संपत्ति का अधिग्रहण करने के विशिष्ट उद्देश्य के साथ इसका गठन किया गया है। यह चिली और बोलीविया में अन्वेषण का विकल्प तलाश रही है, जो दो अन्य शीर्ष लीथियम उत्पादक देश हैं।
कारण
- वर्तमान में भारत इन बैटरियों के लिये आयात पर बहुत अधिक निर्भर है और इस समझौते को चीन के विरुद्ध एक कदम के रूप में देखा जा रहा है। विदित है कि चीन कच्चे माल और सेल, दोनों का प्रमुख स्रोत है।
- हालाँकि, भारत ने काफी देर से लीथियम वैल्यू चेन के क्षेत्र में प्रवेश किया है, क्योंकि निकट भविष्य में ई.वी. के विकास की बहुत प्रबल संभावनाएँ हैं।
- वर्ष 2021 बैटरी तकनीक के क्षेत्र में एक निर्णायक वर्ष साबित हो सकता है क्योंकि व्यवसायीकरण के उन्नत चरणों के अंतर्गत ली-आयन प्रौद्योगिकी में कई संभावित सुधारों के साथ अन्य विकल्पों की तलाश जारी है।
- इन कोशिशों में सबसे आशाजनक सॉलिड-स्टेट बैटरी है जिसमें जलीय इलेक्ट्रोलाइट घोल के अन्य विकल्प का प्रयोग किया जाता है। यह एक ऐसा नवाचार है, जो आग के जोखिम को कम करने के साथ-साथ तेजी से ऊर्जा घनत्व में वृद्धि करता है। इससे संभाव्यत: ई.वी. को चार्ज करने में केवल 10 मिनट लगते हैं, जिससे रिचार्जिंग में दो-तिहाई समय की कमी आती है। साथ ही, ये सेल कॉम्पैक्ट इलेक्ट्रिक वाहन की ड्राइविंग दूरी में भी वृद्धि कर सकते हैं।