चर्चा में क्यों?
हाल ही में, प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (CCEA) ने सतलज नदी पर 210 मेगा वाट की लुहरी जल विद्युत परियोजना चरण-1 के लिये 1810.56 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी है। इस परियोजना का कार्यान्वयन सतलज नदी पर हिमाचल प्रदेश के शिमला और कुल्लू ज़िलों में किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- इस परियोजना को सतलज जल विद्युत निगम लिमिटेड (SJVNL) द्वारा भारत सरकार और राज्य सरकार के सहयोग से बिल्ड-ओन-ऑपरेट-मेंटेन-(Build-Own-Operate-Maintain- BOOM) के आधार पर कार्यान्वित किया जा रहा है।
- प्रत्येक वर्ष इस परियोजना से 758.20 मिलियन विद्युत यूनिट का उत्पादन होने का अनुमान है। इस परियोजना की समयावधि 40 वर्ष है।
- 62 महीनों की अवधि में लुहरी जल विद्युत परियोजना का प्रथम चरण शुरू हो जाएगा। इससे जो बिजली उत्पन्न होगी उससे ग्रिड स्थायित्व में मदद मिलेगी तथा बिजली की आपूर्ति में भी सुधार होगा।
- इस परियोजना से वायु की गुणवत्ता में सुधार होगा क्योंकि इससे न केवल ग्रिड को महत्त्वपूर्ण नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत उपलब्ध होंगे बल्कि वातावरण में प्रतिवर्ष उत्सर्जित होने वाली लगभग 6.1 लाख टन कार्बन डाइआक्साइड की मात्रा में भी कमी आएगी।
- इस परियोजना से प्रभावित होने वाले परिवारों को अगले 10 वर्ष तक हर महीने 100 यूनिट मुफ्त बिजली उपलब्ध करवाई जाएगी।