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LVM3 (जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल एमके III)

प्रारंभिक परीक्षा 'लॉन्च व्हीकल मार्क 3' (L V M 3)
मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

चर्चा में क्यों 

इसरो 14 जुलाई को LVM-3 से  चंद्रयान 3 मिशन लॉन्च करेगा।

मुख्य बिंदु

  • भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पास प्रक्षेपण यान की तीन श्रेणियां हैं:
    • ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी)
    • जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी)
    • नया लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएसएलवी)। 
  • इनमें से इसरो ने सबसे ज्यादा PSLV लॉन्च किया है।
  • PSLV की विफलता दर बहुत कम होने के साथ ही यह ‘वर्कहॉर्स’ के रूप में प्रसिद्ध  है।
  • पीएसएलवी 3.8 टन वजन उठाकर पृथ्वी की निचली कक्षा में ले जा सकता है।
  • इसरो ने भारी पेलोड लॉन्च करने के लिए और उच्च कक्षाओं में लॉन्च करने के लिए जीएसएलवी का विकास और उपयोग किया है। 
  • पीएसएलवी की तरह, जीएसएलवी में भी कई विन्यास हैं,जिसमें सबसे शक्तिशाली कॉन्फ़िगरेशन LVM-3 है, जो 'लॉन्च व्हीकल मार्क 3' का संक्षिप्त रूप है,यह 10 टन तक का पेलोड पृथ्वी की निचली कक्षा में ले जा सकता है।

'लॉन्च व्हीकल मार्क 3' (LVM3) की विशेषताएँ:

  • ऊंचाई: 43.5 मीटर
  • व्यास: 4.0 मीटर
  • हीट शील्ड (पेलोड फेयरिंग) व्यास: 5.0 मीटर
  • चरणों की संख्या : 3
  • लिफ्ट ऑफ मास: 640 टन

तकनीकी विनिर्देश

  • जीटीओ पर पेलोड: 4,000 किलोग्राम
  • LVM3 GSAT श्रृंखला के 4 टन वर्ग के उपग्रहों को जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट में स्थापित करने में सक्षम होगा।
  • LEO (पृथ्वी की निचली कक्षा) पर पेलोड: 8,000 किलोग्राम
  • LVM3 का शक्तिशाली क्रायोजेनिक चरण इसे 600 किमी. की ऊंचाई की पृथ्वी निचली कक्षाओं में भारी पेलोड स्थापित करने में सक्षम बनाता है।

क्रायोजेनिक ऊपरी चरण: C25

C25 CE-20 द्वारा संचालित है, जो भारत का सबसे बड़ा क्रायोजेनिक इंजन है, जिसे लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है।

क्रायो स्टेज की ऊंचाई: 13.5 मीटर

क्रायो स्टेज व्यास: 4.0 मीटर

इंजन: सीई-20

ईंधन: 28 टन LOX + LH2

सॉलिड रॉकेट बूस्टर: S200

LVM3 लिफ्ट ऑफ के लिए आवश्यक भारी मात्रा में थ्रस्ट (thrust) प्रदान करने के लिए दो S200 ठोस रॉकेट बूस्टर का उपयोग करता है। S200 को विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र में विकसित किया गया था।

L110 तरल चरण तरल प्रणोदन प्रणाली केंद्र में डिज़ाइन और विकसित किए गए दो विकास इंजनों द्वारा संचालित है।

chandrayaan

प्रक्षेपण यान के बारे में

  • LVM-3 के तीन चरण हैं। 
  • LVM3 को दो ठोस स्ट्रैप-ऑन मोटर्स (S200), एक तरल कोर चरण (L110) और एक उच्च थ्रस्ट क्रायोजेनिक ऊपरी चरण (C25) के साथ तीन चरण वाले वाहन के रूप में बनाया किया गया है।
  • पहला ( सबसे निचला) चरण रॉकेट बॉडी के किनारों पर बंधे दो S200 बूस्टर के रूप में है। वे हाइड्रॉक्सिल-टर्मिनेटेड पॉलीब्यूटाडाइन नामक ठोस ईंधन का दहन करते हैं। 
  • दूसरा चरण दो विकास इंजनों द्वारा संचालित होता है, जो एक तरल ईंधन (नाइट्रोजन टेट्रोक्साइड या अनसिमेट्रिकल डाइमिथाइलहाइड्रेज़िन) का दहन करते हैं।
  • सबसे ऊपरी या अंतिम चरण क्रायोजेनिक इंजन द्वारा संचालित होता है। यह तरलीकृत हाइड्रोजन को तरलीकृत ऑक्सीजन के साथ दहन करता है।
  • C25 क्रायोजेनिक ऊपरी चरण 28 टन के प्रणोदक लोडिंग के साथ पूरी तरह से स्वदेशी उच्च थ्रस्ट क्रायोजेनिक इंजन (CE20) के साथ कॉन्फ़िगर किया गया है।
  • वाहन की कुल लंबाई 43.5 मीटर है, जिसमें कुल लिफ्ट-ऑफ वजन 640 टन और 5 मीटर व्यास वाला पेलोड  है।
  • LVM3 लागत प्रभावी तरीके से GTO (जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट) में 4000 किलोग्राम अंतरिक्ष यान लॉन्च करने की क्षमता प्राप्त करने के लिए इसरो का नया हेवी लिफ्ट लॉन्च वाहन है।
  • 640 टन के उत्थापन द्रव्यमान के साथ, यह 43.5 मीटर लंबा तीन-चरण प्रक्षेपण यान इसरो को भारी संचार उपग्रहों को लॉन्च करने में पूर्ण आत्मनिर्भरता देता है जिनका वजन जीटीओ में 4000 किलोग्राम तक होता है।

प्रश्न : 'लॉन्च व्हीकल मार्क 3' के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :

1.यह ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) का नया संस्करण है।

2. LVM-3 से चंद्रयान 3 मिशन लॉन्च किया जायेगा।

3. LVM-3 के चार चरण हैं। 

उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं ?

(a) केवल एक 

(b) केवल दो 

(c) सभी तीनों  

(d) कोई भी नहीं 

उत्तर : (a) 

मुख्य परीक्षा : प्रक्षेपण यान से क्या अभिप्राय है ?भारत के प्रमुख प्रक्षेपण यान के विशेषताओं को रेखांकित कीजिए।

Source : the hindu

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