2025 गिद्ध गणना का पहला चरण मध्य प्रदेश वन विभाग द्वारा 17-19 फरवरी 2025 तक आयोजित किया गया था।
गिद्ध गणना के पहले चरण के बाद, मध्य प्रदेश में देश की सबसे अधिक गिद्ध आबादी दर्ज की गई।
राज्य वन विभाग के अनुसार, राज्य में कुल 12,981 गिद्ध पाए गए, जो कि 2024 में दर्ज 10,845 गिद्धों की तुलना में अधिक है।
राज्य वन विभाग द्वारा गिद्ध गणना का दूसरा चरण 29 अप्रैल 2025 को आयोजित किया जाएगा।
गिद्धों की गणना: ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
मध्य प्रदेश में पहली बार 2016 में गिद्धों की गणना हुई थी, जब राज्य में 6,999 गिद्ध थे।
इसके बाद 2018, 2019, 2021, 2024 और 2025 में भी गणना की गई।
गिद्धों की विविधता और प्रजातियाँ
विश्वभर में 23 प्रकार के गिद्ध पाए जाते हैं, जिनमें से भारत में 9 प्रजातियाँ मौजूद हैं।
मध्य प्रदेश 7 गिद्ध प्रजातियों का घर है, जिनमें से चार स्थायी निवासी और तीन प्रवासी गिद्ध हैं।
स्थायी निवासी गिद्ध:-
1. इंडियन लैंग वाइल्ड वाल्चर (देशी गिद्ध)
2. चामर गिद्ध
3. गोबर गिद्ध (इजिप्शियन वल्चर)
4. रेड हेडेड वल्चर (राज गिद्ध)
प्रवासी गिद्ध:-
1. हिमालयी ग्रिफ़ॉन गिद्ध
2. यूरोपीय ग्रिफ़ॉन गिद्ध
3. सेनेरियस गिद्ध (काला गिद्ध)
गिद्ध गणना के चरण
पहला चरण:17-19 फरवरी 2025
दूसरा चरण: 29 अप्रैल 2025
दूसरे चरण में प्रवासी गिद्धों की उपस्थिति भी दर्ज की जाएगी, क्योंकि वे अप्रैल में राज्य छोड़ देते हैं।
भारत में गिद्धों की घटती आबादी और संरक्षण प्रयास
भारत में एक समय लगभग 5 करोड़ से ज्यादा गिद्धों हुआ करते थे 1990 के बाद, डाइक्लोफेनाक नामक दर्द निवारक दवा के कारण गिद्धों की संख्या में भारी गिरावट आई।
इस दवा से उपचारित मृत पशुओं को खाने से गिद्धों की किडनी खराब हो जाती थी, जिससे उनकी मृत्यु होने लगी।
वर्ष2006 में, सरकार ने डाइक्लोफेनाक की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया।
इसके बाद संरक्षण प्रयासों के कारण गिद्धों की संख्या में धीरे-धीरे वृद्धि हो रही है।
गिद्धों का पारिस्थितिक महत्व
गिद्ध मृत पशुओं के अवशेषों को खाकर पर्यावरण को स्वच्छ रखते हैं और बीमारियों को फैलने से रोकते हैं।
इनके घटने से जंगली कुत्तों की संख्या बढ़ी, जिससे रेबीज जैसी घातक बीमारियाँ फैलने लगीं।
गिद्धों का संरक्षण, मानव और पर्यावरण दोनों के लिए आवश्यक है।
प्रश्न - देश की सबसे अधिक गिद्ध आबादी किस राज्य में है ?