(प्रारम्भिक परीक्षा: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, समसामयिक घटनाक्रम) (मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विकास व अनुप्रयोग और रोज़मर्रा के जीवन पर इसका प्रभाव) |
संदर्भ
माइक्रोसॉफ्ट कंपनी ने फरवरी 2025 में मेजराना-1 नामक एक नई क्वांटम कंप्यूटिंग चिप विकसित करने की घोषणा की।
मेजराना-1 क्वांटम चिप के बारे में
- यह विश्व का पहला क्वांटम चिप है जो टोपोलॉजिकल सुपरकंडक्टर प्रौद्योगिकी पर आधारित है।
- यह प्रौद्योगिकी टोपोकंडक्टर पदार्थ की एक पूरी तरह से नई टोपोलॉजिकल अवस्था बनाने में सक्षम है।
- यह चिप क्वांटम कंप्यूटर की मूल इकाइयों ‘क्यूबिट्स’ को अधिक स्थिर एवं त्रुटियों के प्रति कम प्रवण बनाते हैं।
- यह चिप इतनी शक्तिशाली है कि इसे दस लाख क्यूबिट तक बढ़ाया जा सकता है और यह इतनी छोटी है कि हथेली में समा सकती है।
- 10 लाख क्यूबिट्स वाला क्वांटम कंप्यूटर दुनिया के सभी मौजूदा कंप्यूटरों को मिलाकर भी उससे कहीं ज्यादा शक्तिशाली होगा।
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मेजराना-1 क्वांटम चिप के लाभ
- त्रुटि मुक्त, तीव्र एवं स्थायी क्वांटम कंप्यूटिंग की मदद से नई दवाओं की खोज तेज होगी।
- उन्नत क्वांटम चिप की मदद से अधिक कुशल बैटरियां और सोलर पैनल विकसित किए जा सकेंगे।
- यह चिपसेट कृत्रिम बुद्धिमत्ता को अधिक प्रभावशाली बना सकता है।
- यह उन्नत क्वांटम चिप इंटरनेट, साइबर एवं डिजिटल सिक्योरिटी को अधिक मजबूत करेगा।
- इस प्रोसेसर से जटिल वैज्ञानिक शोध और गणितीय समस्याओं को आसानी से हल किया जा सकेगा।
मेजराना-1 क्वांटम चिप का व्यावसायिक उपयोग
- मेजराना-1 क्वांटम को व्यावसायिक रूप से प्रयोग होने में कई वर्ष लगेंगे।
- माइक्रोसॉफ्ट के शोधकर्ताओं ने इस क्वांटम चिप को विकसित करने में सक्षम होने के लिए 17 वर्ष से अधिक समय तक कार्य किया है।
- अभी तक केवल एक कार्यशील प्रोटोटाइप का प्रदर्शन किया गया है। इसे परिष्कृत एवं स्केल करने के लिए अभी भी इंजीनियरिंग कार्य बाकी है।
- इस चिप के सफल अनुप्रयोग के बाद यह औद्योगिक-स्तरीय समस्याओं को क्वांटम कंप्यूटरों द्वारा हल करने में दशकों नहीं बल्कि वर्षों में सक्षम बना देगी।
इसे भी जानिए!
टोपोकंडक्टर्स के बारे में
- क्या है : पारंपरिक सेमीकंडक्टर्स आमतौर पर सिलिकॉन से निर्मित होते हैं। इनके विपरीत माइक्रोसॉफ्ट का टोपोकंडक्टर ‘इंडियम आर्सेनाइड’ से बना है जिसका प्रयोग इंफ्रारेड डिटेक्टर में भी किया जाता है।
- निर्माण : टोपोकंडक्टर्स को इंडियम आर्सेनाइड (एक सेमीकंडक्टर) और एल्युमिनियम को मिलाकर बनाया जाता है।
- विशेषता : जब इसे लगभग जीरो डिग्री के तापमान तक ठंडा किया जाता है और चुंबकीय क्षेत्रों के साथ अनुकूलित किया जाता है तो यह सेमीकंडक्टिविटी को सुपरकंडक्टिविटी के साथ जोड़ता है।
- यह मेजराना कणों के विकास व नियंत्रण में सहायक है।
मेजराना कण (Majorana Particles) के बारे में
- यह एक विशेष प्रकार के कण होते हैं, जो प्राकृतिक रूप से मौजूद नहीं है किंतु सुपरकंडक्टर एवं चुंबकीय क्षेत्रों का उपयोग करके विशिष्ट परिस्थितियों में निर्मित किए जा सकते हैं।
- इन्हें पहली बार 80 वर्ष पहले इटली के भौतिकविद् इत्तोरे मेजराना (Ettore Majorana) ने सिद्धांत रूप में दिया था।
- ये कण अपने स्वयं के प्रतिकण होते हैं। हालांकि, अभी तक इन कणों का भौतिक रूप से कोई प्रमाण नहीं था।
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